अनार भारत के मुख्य फलों में एक है.इसका उत्पादन महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में होता है. लेकिन इसका उत्पादन इसकी किस्म पर भी निर्भर करता है. यु तो देश में इसकी बहुत सी किस्में हैं लेकिन अधिक उत्पादन देने वाली कुछ ही किस्में है जिसमें से एक है सिंदूरी अनार. यह मुख्य रूप से महाराष्ट्र राज्य की किस्म है लेकिन उद्यानिकी विभाग इसको अन्य राज्यों में खेती कराने के लिए प्रयासरत है. राजस्थान में इसकी खेती को काफी बढ़ावा दिया जा रहा है. इसकी आबोहवा की अनुकूलता के कारण कई स्थानों पर सिन्दूरी अनार के पेड़ लहलहा रहे हैं. महज छह वर्षों में राजस्थान का सीकर जिला प्रदेश में सिन्दूरी अनार के लिए प्रथम स्थान पर पहुंच गया है.
इसके साथ ही यह किसानों की तकदीर भी बदल रहा है. इस समय जिले में करीब 1500 हैक्टेयर में सिन्दूरी अनार की खेती हो रही है. विशेषज्ञों की माने तो अगले दो वर्ष में सिन्दूरी अनार की खेती दो हजार हैक्टेयर में होने लगेगी राज्य का उद्यानिकी विभाग सिंदूरी अनार की खेती को राज्य में और अधिक बढ़ावा दे रही है.
तीन वर्ष में शुरू होगा उत्पादन
राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत सीकर जिले में वर्ष 2008-09 में सिन्दूरी अनार की खेती शुरू हुई थी. सिन्दूरी अनार का पौधा तीन वर्ष में उपज देना शुरू कर देता है. सिन्दूरी अनार का बगीचा लगाने के लिए उद्यानिकी विभाग की ओर से 30 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर तक अनुदान दिया जाता है. अनार की अन्य किस्मो की बजाए सिन्दूरी अनार टिकाऊ, स्वादिष्ट व निर्यात योग्य होते हैं.
सिन्दूरी अनार की किस्म मूलत: महाराष्ट्र इलाके की है. पौधे की मांग को देखते हुए उद्यान विभाग ने शुरुआती वर्षों में महाराष्ट्र के मालेगांव से सिन्दूरी अनार के पौधे मंगवाए थे. किसानों के रूझान को देखते हुए अब खेतों व सरकारी नर्सरियों में सिन्दूरी अनार की कलम से पौधे तैयार किए जाने लगे है.
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