किसानों द्वारा उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक खास कदम उठाया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति वाली निगरानी समिति के तौर पर पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की नियुक्ति की है. ये न्यायाधीश लोकुर शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं. इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निर्देश दिया है कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिव उन खेतों की निगरानी में लोकुर समिति की मदद करेंगे, जिनमें पराली जलाई जाती है.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि इन राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए पैनल बनाया गया है. इस पैनल के लिए एनसीसी, राष्ट्रीय सेवा योजना और भारत स्काउट्स की तैनाती की जाएगी. लोकुर समिति पराली से संबंधित रिपोर्ट हर पखवाड़े शीर्ष अदालत को सौंपा करेगी. बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा अदालत में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखने के लिए न्यायमूर्ति लोकुर की अगुवाई में एक सदस्यीय समिति बनाने का विरोध किया है.
गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली के पड़ोसी राज्यों हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली से प्रदूषण बढ़ जाता है. इससे वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट आती है. हाल ही में, वायु प्रदूषण के स्तर में कुछ गिरावट देखने को मिली है. शहर में सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 251 दर्ज किया गया. गुरुवार को औसत एक्यूआई 315 रहा, जो कि 12 फरवरी के बाद से सबसे खराब रहा है.
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जानकारी के लिए बता दें कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक' माना जाता है, तो वहीं 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक की मानें, तो वायु की गति में सुधार होने की वजह से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है. अमेरिकी उपग्रह एजेंसी और नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर, पटियाला, तरनतारन और फिरोजपुर के पास और हरियाणा के अंबाला और राजपुरा में खेतों में आग लगी दिखाई दे रही है.
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