1. Home
  2. ख़बरें

कोटा की मिट्टी में हो रही है केसर की उपज

अब आपको केसर की खेती के लिए कश्मीर जाने की कोई जरूरत नहीं होगी. अब केसर आपको आसपास के राज्यों में ही आसानी से मिल जाएगा. हर कोई इसकी खेती को देखने या करने की इच्छा रखता है.

विवेक कुमार राय

अब आपको केसर की खेती के लिए कश्मीर जाने की कोई जरूरत नहीं होगी. अब केसर आपको आसपास के राज्यों में ही आसानी से मिल जाएगा. हर कोई इसकी खेती को देखने या करने की इच्छा रखता है. अब आपको ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हाड़ौती-मालावा की धरती भी केसरिया फूल की खेती से लहलहा रही है. दरअसल राजस्थान के कोटा जिले के किसानों ने मोडक और चेचक की आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके केसर की खेती की है. इससे किसानों को काफी अच्छी आमदनी भी प्राप्त हो रही है. फिलहाल किसान इसके फूल को तोड़ने में काफी ज्यादा व्यस्त है.

किसानों ने किया मंथन

दरअसल यहां के किसान अब केसर की खेती करने में लग गए है. दरअसल फतेहपुर निवासी किसान रंगलाल सुमन ने विषम परिस्थितियों के बाद भी केसर की खेती करके अन्य किसानों को प्रेरित किया है. वर्तमान में रंगलाल के खेत में केसर के फूल काफी तेजी से उग रहे है. इन फूलों की तुड़ाई का कार्य शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि रास्ते में जाते वक्त उन्होंने केसर के फूलों को उगते हुए देखा था तो फिर उन्होंने यहां के किसानों से इसकी जानकारी ली थी. उन्होंने एक साथ विचार -विमर्श करके साथ में खेती के बारे में विस्तार से जानकारी को प्राप्त किया है. रंगलाल लगातार किसानों के संपर्क में रहे हैं और लागातर केसर की निराई-गुड़ाई का कार्य कर रहे है. वर्तमान समय में रंगलाल आधा किलो तक फूलों की तुड़ाई कर चुके हैं जिससे काफी अच्छी खेती प्राप्त हुई है. राजधानी में इसके अच्छे दाम मिलते हैं. वहीं पर फसल से प्राप्त बीज भी बाजार में काफी ज्यादा महंगे दामों में मिलते है. रंगलाल का कहना है कि केसर के बीज को लगाने से उनको काफी अच्छी आमदनी हुई है.

चार फुट तक हो गए पौधे

किसानों ने चेचट क्षेत्र में भी पैदा होने वाली नई केसर को नई तकनीक से लगाया है. किसान हेमराज मीणा ने इस बात की जानाकरी दी कि उन्होंने जंगल में केसरिया फूल के पौधे देखे तो उनको भी केसर की खेती करने की इच्छा होने लगी. जिसके चलते उनको इसके बारे में जानकारी ली. उन्होंने दो हजार के बीज खरीदकर अपने खेत में पांच सारणी तक बोया है. सारे फूलों के डोडों पर केसर के फूल आ रहे है.

English Summary: The production of saffron in the quota of soil Published on: 25 March 2019, 04:31 PM IST

Like this article?

Hey! I am विवेक कुमार राय. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News