वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते ही देश में लॉकडाउन लगाया गया है. आज यानी 4 अप्रैल 2020 से देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो रहा है. इससे पहले सरकार दो बार लॉकडाउन को बढ़ा चुकी है. लॉकडाउन का पहला चरण 24 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक, दूसरा चरण 15 अप्रैल से लेकर 3 मई तक और आज से तीसरा चरण शुरू हो गया है जो 17 मई तक चलेगा. बता दें, इस लॉकडाउन से किसानों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है. साल 2020 में किसानों को मौसम की बेरुखी (तेज बारिश, तूफ़ान और ओलावृष्टि) ने परेशान तो कर ही रखा है, साथ ही अब उन्हें लॉकडाउन के चलते सरकारी कर्मचारियों की मनमानी का शिकार भी होना पड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मऊरानीपुर मंडी में तरबूज बेचने आए 100 से अधिक किसानों को मंडी में आने से मना कर दिया गया. मंडी में रविवार को किसानों को देखते हुए मंडी प्रशासन ने वहां ताला लगा दिया. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने मंडी के बाहर सड़क के दोनों तरफ तरबूज से लदे ट्रैक्टरों की लाइन लगा दी. किसान मंडी के अंदर नहीं जा सके और बाहर ही धरना प्रदर्शन करने लगे. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं.
इस प्रदर्शन में आए एक किसान अयोध्या प्रसाद ने कहा, "हम किसान लोग तरबूज फसल उगाने की तैयारी दिसंबर माह से शुरू कर देते हैं और अब हमारी फसल तैयार हो गई है, तो इसे बेचने से मना कर दिया जा रहा है. जब हमारी फसल ही इस मंडी में नहीं बिक पाएगी तो हमें क्या फायदा हुआ इस तरह से मेहनत करने का? हम किसान लोग हैं, अपनी फसल बेचकर जीवनयापन करते हैं. जब फसल बिकेगी नहीं तो खाएंगे क्या? इस तरह तो हमारी लागत भी नहीं निकल पाएगी."
मंडी पर ताला लगाने का बताया गया यह कारण
जब मऊरानीपुर के मंडी सचिव रामकुमार साहू से इस मुद्दे पर पत्रकारों ने सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि किसान सरकार द्वारा जारी निर्देश जैसे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहें थे इसलिए उन्हें इस प्रकार का कदम उठाना पड़ा है.
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