किसानों द्वारा फसल के बचे हुए अवशेष जलाना एक बड़ी समस्या रहा है. यह मुद्दा पिछले काफी समय से उठ रहा है कि किसानों के द्वारा पराली और फसल के अन्य अवशेष जलाने से किसानों को परेशानी प्रदुषण फैलता है. कई बार यह सवाल भी उठे हैं कि किसानों के खिलाफ पराली जलाने पर कार्यवाही की जानी चाहिए.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कि पंजाब और हरियाणा में फसल की बची पराली को जलाया जाना दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में प्रदूषण के लिए गंभीर समस्या है, मगर इसके लिए किसानों के खिलाफ कार्रवाई इस समस्या का कोई समाधान नहीं है. इस पर न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ के समक्ष वायु प्रदूषण के मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की वाजिब समस्या है और उनकी परेशानी को भी समझना चाहिए।
हरीश साल्वे ने कहा कि किसानो की इस समस्या को समझना चाहिए किसानों को जेल में डालना इसका अकोई हल नहीं है. खेतो से पराली का मुद्दा सुलझाने के लिए लिए कोई और समाधान निकालना जरुरी है. अब इस मुद्दे की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट में 17 नवंबर से होगी. न्यायालय ने सरकार से कहा कि वह इन मुद्दों पर बहस के लिये तैयार होकर आए.
-इमरान खान
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