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सुमिंतर इंडिया ऑर्गेनिक ने दिया किसानों फसल पूर्व प्रशिक्षण

सुमिन्तर इन्डिया आर्गेनिक्स द्वारा चलाए जा रहे जैविक खेती जागरूकता अभियान योजना के अन्तर्गत गततीन दिनों में राजस्थान के बाड़ मेर जिले के जीरा उत्पादन करने वाले किसानों को जैविक विधि से जीरा उत्पादन हेतु ‘फसल पूर्व प्रशिक्षण’ का (प्री सीजन ट्रेनिंग) आयोजन ग्रामः नाद, चौखला एवं जीयाणों की ढाणी में किया गया, जिसमे लगभग 150 किसानों ने भाग लिया।फसल पूर्व प्रशिक्षण आगामी रवी की फसल ‘जीरा’जो कि इस क्षेत्र की इस मौसम की मुख्य फसल है, को ध्यान में रख कर किया गया।

सुमिन्तर इन्डिया आर्गेनिक्स द्वारा चलाए जा रहे जैविक खेती जागरूकता अभियान योजना के अन्तर्गत गततीन दिनों में राजस्थान के बाड़ मेर जिले  के जीरा उत्पादन करने वाले किसानों को जैविक विधि  से जीरा उत्पादन हेतु ‘फसल पूर्व प्रशिक्षण’ का (प्री सीजन ट्रेनिंग) आयोजन ग्रामः नाद, चौखला  एवं जीयाणों की  ढाणी  में किया गया, जिसमे लगभग 150 किसानों ने भाग लिया।फसल पूर्व प्रशिक्षण आगामी रवी  की फसल ‘जीरा’जो कि इस क्षेत्र की इस मौसम की मुख्य फसल है,को ध्यान में रख कर किया गया।

प्रशिक्षण में किसानों को (आन फार्म इनपुट) अपने पास उपलब्ध साधन को कैसे खेती में उपयोग कर कम लागत में अधिक एवं सुरक्षित उत्पादन प्राप्त करें बताया गया।प्रशिक्षण के दौरान उत्तम कम्पोस्ट खाद (एससीओएफ द्वारा विकसित वेस्टडी-कम्पोज़र से) बनाना, घन जीवामृत, जीवामृत स्थानीय वनास्पति से कीटनाशक बनाना बताया गया। बुवाई के लिए अच्छे बीज का चुनाव, जमाव परिक्षण, जैविक विधि से बीजो उपचार करना जिसमें ट्राइकोडर्मा नामक जैविक फुंदीनाशी का प्रयोग करना एवं जीवाणु खाद एजोटोवैक्टर, पी.एस.बी. पोटाश एवं जिंक के जीवाणु कल्चर से उपचारित कर बोना बताया गया।

किसानों को प्रशिक्षण सुमिन्तर इन्डिया के ‘वरिष्ट प्रबन्धक शोध एवं विकास’ संजय श्रीवास्तव दिया गया। संजय श्रीवास्तव ने  इस बात पर जोर दिया कि अभी जीरा फसल की बुवाई में लगभग दो माह का  समय है। किसान अपने पास उपलब्ध गोबर से अच्छी खाद बनाकर एवं स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पेड़-पौधों की पत्तियों से कीटनाशक बनाकर न्यूनतम खर्च में अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

प्रशिक्षण के दौरान किसानों ने जैविक जीरा उत्पादन के सम्बन्ध में विभिन्न प्रश्न किया जिसका संजय श्रीवास्तव ने सन्तोष जनक उत्तर दिया। प्रश्नों के उचित उत्तर पाकर किसानों के मन में जो भी जैविक खेती के प्रतिभ्रम था वह दूर हुआ। वानस्पतिक कीटनाशक बनाने हेतु आस-पास उपलब्ध पेड़ पौधों की पहचान भी कराया गया एवं कैसे और किस भाग का उपयोग करें बताया गया।

इस क्षेत्र मेंनीम का पेड़ बहुत आसानी से उपलब्घ है। संजय श्रीवास्तव ने इसके बीज, तेल, खली पत्ते आदि प्रयोग जैविक खेती में कैसे करें बताया।

कीटों को फसल पर प्रकोप होने की आरम्भिक जानकारी हेतु विभिन्न प्रकार  के  ट्रैप के विषय में बताया गया एवं जीरे में माहुं या मोयला के किए सस्ते स्थानीय उपलब्ध साधन से पीला ट्रैप बनाना भी बताया। अंत में प्रशिक्षण में आए हुए किसानों का सुमिन्तरइन्डिया की तरफ से संजय श्रीवास्तव ने किसानों को धन्यवाद दिया।

प्रशिक्षण आयोजन में सुमिन्तर इन्डिया के स्थानीय कर्मचारी श्री धमेन्द्र विड़ला, इन्दर कुटेजा, प्रहलाद एवं अम्बा राम ने स्थानीय प्रबन्धन का कार्य किया।

English Summary: Suminter India Organic Organize Pre- Session Training Published on: 20 September 2018, 08:08 AM IST

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