सुमिन्तर इंडिया ने महाराष्ट्र के विदर्भ में जैविक खेती जागरूकता अभियान के तहत किसानों को इससे होने वाले लाभ के विषय में बताया. उन्होंने बताया कि कैसे कम पानी में भी जैविक खेती के माध्यम से किसान अच्छी फसल ले सकते हैं. इस क्षेत्र में अधिकांश वर्षा आधारित खेती होती है. इस क्षेत्र में पानी की इतनी कमी है कि भूमिगत जल का स्तर इतना गिरता जा रहा है कि पीने के लिए भी गावों के बाहर से पानी के टैंकर मँगाए जाते हैं.
यह के लोग घर के बाहर ड्रम में पानी को इकठ्ठा कर दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं. ऐसी स्थिति में पर्यावरण को बचाने और मृदा को स्वस्थ रखने का एकमात्र तरीका जैविक खेती है. सुमिन्तर इंडिया ओर्गानिक्स के जैविक खेती जागरूकता अभियान के तहत प्राथमिकता दिखाते हुए किसानो को उत्तम प्रकार की खाद बनाने हेतु. राष्ट्रिय जैविक खेती केंद्र द्वारा तैयार वेस्ट डी-कंपोजर को उपयोग करने की विधि का प्रदर्शन किया गया.साथ ही ताजे गोबर से घनजीवामृत एवं मटका खाद बनाने का भी प्रदर्शन किया गया . इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि किसान अपने आस-पास उपलब्ध ऐसा संसाधन का ठीक उपयोग करके. कम से कम लागत में जैविक खेती कर सके .
जिसके तहत वनस्पति एवं गौमूत्र आदि का प्रयोग कर कीटनाशक बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया. इस अभियान के तहत महाराष्ट्र के जनपद अकोला के ग्राम मझोड, भारतपुर, चिकलगाँव, चमगाव एवं अखतवाडा किसान समाधान एवं प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. कार्यकर्म के दौरान महाराष्ट्र में सुमिन्तर इंडिया आर्गेनिक, के प्रकल्प प्रबंधक राजीव पाटिल, एवं प्रबंधक ,महेश उन्हाले उपस्थित थे, कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक शोध एवं विकास संजय श्रीवास्तव ने किसानों को तकनिकी जानकारी दी. किसान सभा में आए हुए किसानों द्वारा सुमिन्तर इंडिया द्वारा चलाए जा रहे इस जागरूकता अभियान की सराहना कि गयी फसल उगाने में होने वाली समस्याओं का संतोषजनका उत्ते दिया गया.. कंपनी द्वारा दी जाने वाली जानकारी का इस्तेमाल किसान कम खर्च, कम पानी से उत्तम खाद बनाकर अच्छी पैदावार ले रहे हैं. इस मौके पर राहुल चौखंडे ने किसानो का धन्यवाद् किया.
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