विश्व के कुल 114 देशो में चीनी का उत्पादन दो स्रोतो गन्ना व चकुन्दर द्वारा किया जाता है. गन्ने को उपोष्ण देशों में उगाया जाता है. लेकिन भारत में केवल गन्ने से ही चीनी को बनाया जाता है. देखा जाए तो भारत गन्ने के क्षेत्रफल में पूरे देश में पहले पायदान पर है, लेकिन चीनी के उत्पादन में ब्राजील के बाद हमारा देश दूसरा नंबर पर है. भारत में गन्ना एक नकदी फसल है जिसकी खेती प्रति वर्ष लगभग 30 लाख हेक्टेयर भू-क्षेत्र में की जाती है.
किसानों के हित के लिए सरकार द्वारा कई अथक प्रयास किए जाते हैं, ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार हो और किसान आत्मनिर्भर बन अपनी आय में वृद्धि कर सकें. इसी कड़ी में छत्तिसगढ़ सरकार ने गन्ना किसानों को सरकार ने दी खुशखबरी. हाल ही में क्रेंदीय मंत्रीमंडल की बैठक में इथेनॉल की कीमत में वृद्धि की थी, जिसके बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार ने गन्ना किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है.
84.25 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि
राज्य सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के कई किसानों को लाभ मिलेगा. इस संशोधन के तहत राजीव गांधी किसान न्याय योजना से लाभ पा रहे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा. सरकार ने राज्य की सहकारी मिलों में गन्ना बेचने वाले किसानों के लिए 79.50 रुपये से लेकर 84.25 रुपये प्रति क्विंटल का प्रोत्साहन देने का फैसला लिया है. गन्ना पेराई वर्ष 2021-22 में कुल 11.99 लाख रुपए का भुगतान करने का लक्ष्य रखा गया है.
ये है गन्ने के नए दाम
राज्य सरकार ने गन्ना पेराई सत्र 2022-23 में 4 लाख मीट्रिक टन गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा है, जिसमें सरगुजा, बलरामपुर व सूरजपुर के जिले शामिल हैं. इस फैसले के बाद से 3 जिलों के 17 हजार से अधिक पंजीकृत किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. बता दें कि भारत सरकार द्वारा अभी गन्ने की एमएसपी (MSP) 282.125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है.
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राज्य सरकार के इस फैसले के बाद 79.50 रुपए की प्रोत्साहन राशि जोड़कर 361.62 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा. 3.05 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त भुगतान भी किसानों को 9.50 फीसदी रिकवरी दर पूरा होने पर दिया जाएगा.
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