चीनी उद्दोग ने सरकार द्वारा गन्ना के एफआरपी में वृद्धि से चिंता जताई है। उद्दोग का मानना है कि पिछले 255 रुपए से 275 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना का एफआरपी निर्धारित करने से मुश्किलें बढ़ेंगी। क्योंकि इस सत्र में गन्ना बकाया 18 हजार करोड़ रुपए हो गया है जो कि पिछले दो वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है। ज्ञात हो कि पिछले वर्षों जून में बकाया मात्र 4500-4800 करोड़ रुपए ही था।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के महानिदेशक, अबिनाश वर्मा का मानना है कि जब तक चीनी का एक्स शुगर मिल मूल्य 35 रुपए प्रति किलो तक नहीं बढ़ाया जाएगा तब तक यह एफआरपी में यह वृद्धि उद्दोग की मुश्किलें बढ़ाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 60 से 70 लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए भी नीति बनानी होगी क्योंकि आगामी सत्र में चीनी उत्पादन 350-355 लाख टन होने का अनुमान है जबकि चीनी की खपत 255 लाख टन अनुमानित है।
जाहिर है कि सरकार द्वारा मूल्य में वृद्धि से उद्दोग ने नाखुशी जताई है। मौजूदा सत्र में भी मिलों ने बकाया भुगतान में मुश्किलें का सामना किया है। हालांकि सरकार ने किसानों को फायदा देने के लिए पैकेज की घोषणा की थी। इस बीच सरकार ने एक बार फिर से गन्ना का मूल्य बढ़ाया है।
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