बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में बेरोजगार युवक व युवतियों तथा किसानों को उनके कौशल ज्ञान की गुणवत्ता बढ़ाने तथा पेशेवर ज्ञान देने के लिए बिहार कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवक व युवतियों तथा किसानों को कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से पेशेवर ज्ञान प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार व रोजगार प्राप्त करने के लिए दक्षता प्रदान करना है।
कहा कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि एवं सम्बद्घ क्षेत्रों के लिए कुल 23 पाठक्रमों के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। फिलहाल 16 कोर्स व विषयों मशरूम उत्पादक, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादक, मधुमक्खीपालन, बीज उत्पादक, जैविक खेती, माली, रूफ टॉप गार्डेनर, फ्लोकल्चरिस्ट, बीज विश्लेषण, कृषि यंत्र संचालन, मरम्मत्त एवं रखरखाव तथा माइक्रो इरिगेशन टेकनीशियन आदि में कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन 16 कोर्स व विषयों के लिए राज्यस्तर पर बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर तथा इनके अधीनस्थ कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि महाविद्यालय, उद्यान महाविद्यालय तथा सभी जिलों में आत्मा द्वारा कौशल प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। 70 प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से राज्य के कुल 5,880 युवक, युवतियों एवं व्यक्तियों को कृषि के 16 कोर्सों में कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति अपने जिला के परियोजना निदेशक (आत्मा) के कार्यालय अथवा नजदीक के कृषि विज्ञान केन्द्र में आवेदन जमा कर सकते हैं।
कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन से राज्य में कुशल कामगारों का एक सतत् पूल विकसित होगा, जिससे आने वाले समय में औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को उनके मांग के अनुरूप कुशल कारीगर उपलब्ध हो सकेंगे तथा प्रतिष्ठानों में गुणवत्तापूर्ण सामग्री व उपादान का निर्माण हो सकेगा। इसके साथ-साथ इससे औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इस कार्यक्रम से फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्घि होगी, जिससे कृषि के क्षेत्र में किसानों एवं उद्यमियों के आमदनी बढ़ेगी।
संदीप कुमार
Share your comments