महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में पेस्टीसाइड कंपनी सिंजेंटा ने कीटनाशकों के कुप्रभाव से ग्रस्त किसानों को बचाने के लिए मोबाईल वैन व डॉक्टरों को भी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। बतातें चलें कि यवमाल जिलें में पिछले महीने कीटनाशक के कुप्रभाव से किसानों की मौत हुई थीं, जिसके बाद से कीटनाशक निर्माता कम्पनियों ने भी अब इस विषय को गंभीरता से लेते हुए कीटनाशकों के उपयोग में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से कार्य करना शुरु कर दिया है। जिसके मद्देनज़र सिंजेंटा नामक पेस्टीसाइड कंपनी ने किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव के लिए प्रशिक्षण देने का अभियान चलाया है। यही नहीं चिकित्सकों को भी उचित इलाज प्रदान कराने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस मोबाईल वैन के अन्तर्गत कंपनी ने लगभग 25000 किसान परिवारों को सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी ने कीटनाशक का छिड़काव करने वाले व्यक्ति के लिए सुरक्षा किट प्रदान करने का कार्य किया है। जिसके अन्तर्गत कंपनी ने दिवाली तक 500 किट वितरित किए हैं साथ ही अक्टूबर के अंत तक 9000 किट बंटवाने का कार्य करेगी।
दरअसल कंपनी के बैंड पोलो से यवतमाल जिले में हुए नुकसान के बारे में तर्क दिया है कि वहां क्या हुआ इसके लिए कंपनी जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि पोलो के लगातार 6 लाख हैक्टेयर प्रति वर्ष उपयोग के बावजूद किसी भी प्रकार की हानि की सूचना नहीं मिली। ऐसे में नुकसान के कोई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
कंपनी डॉक्टरों को कीटनाशी जहर की पहचान के एन्टीडोट का प्रशिक्षण दे रही है, जिसकी पहचान के बाद प्रभावित व्यक्ति का आसानी से इलाज किया जा सकेगा। दरअसल एन्टीडोट विषहर औषधि के रूप में कार्य करता है। इसके लिए अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के टॉक्सिकोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. वी.वी पिल्लई के निर्देशन में चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों के चिकित्सकों ने हिस्सा लिया, तो वहीं तहसीलदार व उप जिलाधिकारियों को भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित किया गया।
आप को बता दें कि स्थानीय पंचायतों के द्वारा सुरक्षा किट किसानों को वितरित किए जाएंगें। जिसमें किसी भी कीटनाशी के छिड़काव करने वाले व्यक्ति के लिए मास्क,चश्में व दस्ताने इत्यादि उपलब्ध रहेंगें।
सिंजेंटा कंपनी के दक्षिण एशिया के पब्लिक पालिसी उपाध्यक्ष के.सी रवि के अनुसार कंपनी वर्कहार्डट् फाउंडेशन के साथ मिलकर मोबाईल वैन को किसानों तक पहुंचा रही है। जो कि एक वर्ष के दौरान लगभग 25000 किसान परिवारों को नियमित चैक-अप्स के साथ साथ जागरुक करने के लिए कार्यक्रम करेगी। वैन में एक एमबीबीएस डॉक्टर के साथ फार्मासिस्ट मौजूद है।
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