सिक्किम की सर्वोच्च विपणन संघ सिक्किम स्टेट को-ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन (सिमफेड) ने आज नयी दिल्ली के 50- बी डिप्लोमेटिक एन्क्लेव स्थित द अशोका में एक विशेष आयोजन के तहत कार्बनिक और प्राकृतिक खाद्य उत्पादों की एक विस्तृत रेंज का शुभारम्भ किया. सिक्किम को वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश का पहला जैविक राज्य घोषित किया था. सिमफेड ने इन कार्बनिक खाद्य उत्पादों को ‘क्यूसील एग्रिटेक’ नाम के एक कार्बनिक कृषि आधारित संगठन के सहयोग से जारी किया है, जिसका कॉर्पोरेट कार्यालय नयी दिल्ली में है.
सिमफेड जैविक खेती के क्षेत्र में भारत के अग्रणी संगठनों में से एक है और इसने पिछले 10 वर्षों में देश के 10 राज्यों के करीब 35000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर 40000 से भी अधिक किसानों के साथ कार्य किया है. किसानों को उनके फसल का सर्वोत्तम मूल्य प्रदान करने के लिए सिमफेड ने बिचौलियों को समाप्त करने तथा प्रसंस्करण की प्रक्रिया को आसान बनाने जैसे अनेक प्रभावी व उपयोगी कदम उठाएं है, इसके आलावा जैविक खाद्य उत्पादों की पहुँच और इसे विस्तार देने के लिए सिमफेड बेहद सुरक्षित और पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने जैसी गुणवत्ता सम्बन्धी नवीनतम मानकों को सख्ती से पालन करता है.
लांचिंग के समय मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह, विशिष्ट अतिथि के रूप में सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग तथा विशेष अतिथि के रूप में सिक्किम सरकार में खाद्य सुरक्षा व कृषि मंत्री सोमवाल पौडयाल उपस्थिति थे.
सिक्किम के इन विशिष्ट उत्पादों में कार्बनिक बक गेहूं का आटा, डेल मिर्च उच्च मूल्य वाली नगदी फसल व निर्यात वस्तु बड़ी इलायची और हिमालय पर्वत के दो शक्तिशाली मसाले अदरक तथा हल्दी शामिल है. अन्य विशेष उत्पाद, जो जल्दी ही उपलब्ध होंगे, वे है आंध्र और ओडिशा के काजू, असम का किंग मिर्च, आन्ध्र के आम, पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनानास, असम का जोआ व ब्लैक राइस, छत्तीसगढ़ का कोडो, छत्तीसगढ़ का नींबू, गुजरात का आलू और असम का मैंडरिन नारंगी।
निकट भविष्य में सिमफेड देश के विभिन्न क्षेत्रों के नाइजर, अदरक, हल्दी, काली मिर्च और आलू जैसे जैविक उत्पादों को निर्यात करने की योजना बना रहा है।
अपने भाषण में सिमफेड के एमडी रोजर आर राय ने सिमफेड के विभिन्न उपलब्धियों का वर्णन किया। उन्होंने कहा "सिमफेड के अन्तर्गत हम उपभोक्ताओं और उत्पादकों अर्थात किसान दोनों के लाभ के लिए कार्य करते हैं। हम किसानों,जो हमारे समाज का एक अनिवार्य हिस्सा हैं उनके लिए यह सुनिश्चित करते हैं कि उन्हें हरसंभव सर्वोत्तम बीज ,खाद एवं उपकरण जैसी कृषि सुविधाएं उपलब्ध हों तथा उन्हें अपने कृषि उत्पादों के बदले में हरसंभव सर्वोत्तम राशि प्राप्त हो। एक नैतिक और जिम्मेदार समिति होने के नाते हम सदा इस बात को ध्यान लेकर सतर्क रहते हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता संबंधी मानकों में से किसी के भी साथ समझौता या उसकी अनदेखी नहीं हो और सर्वोत्तम गुणवत्ता का कृषि उत्पाद आम जनता तक पहुंचे।"
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