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शर्मसार करने वाली खबर: 750 किलो प्याज की कमाई किसान ने नरेंद्र मोदी को भेजी

शर्मसार करने वाली खबर: 750 किलो प्याज की कमाई किसान ने नरेंद्र मोदी को भेजी देश में किसानों की दुर्दशा सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है. दो दिन पहले देश की राजधानी में सड़कों उतरे देश भर के किसानों ने अपनी बदतर हालात के खिलाफ प्रदर्शन किया था. राजीनतिक दलों ने उनकी इस मांग का समर्थन भी किया था लेकिन सालों से मिलते आ रहे इन कोरे आश्वासनों की तरह ही इस बार भी हवाई दावे किये गए और किसान की स्थिति जस की तस बनी हुई है; बल्कि कहें कि दिन-ब-दिन उनकी हालत चिंताजनक होती जा रही है.

देश में किसानों की दुर्दशा सुधरने का नाम ही नहीं ले रही है. दो दिन पहले देश की राजधानी में सड़कों उतरे देश भर के किसानों ने अपनी बदतर हालात के खिलाफ प्रदर्शन किया था. राजीनतिक दलों ने उनकी इस मांग का समर्थन भी किया था लेकिन सालों से मिलते आ रहे इन कोरे आश्वासनों की तरह ही इस बार भी हवाई दावे किये गए और किसान की स्थिति जस की तस बनी हुई है; बल्कि कहें कि दिन-ब-दिन उनकी हालत चिंताजनक होती जा रही है.

ताजा मामला महाराष्ट्र से आया है. जहाँ एक किसान को अपनी प्याज को 1 रूपये की कीमत पर बेचना पड़ा है. उसे कुल 750 किलो प्याज का दाम महज 1,064 रूपये ही मिल पाया. तंगहाल किसान ने इस रकम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया है. उनका कहना है कि इस राशि को भेजने का मकसद प्रधानमंत्री को देश के किसानों की हालत से वाकिफ कराना है.

महाराष्ट्र के नासिक जिले स्थित निफाड तहसील के रहने वाले संजय साठे को उनकी फसल के बदले में 1 रूपये प्रति किलो से भी कम दाम मिल रहे थे. काफी मोल भाव के बाद उन्हें 1 रूपया 40 पैसे की कीमत के हिसाब से अपनी प्याज बेचनी पड़ी. इस कीमत के आधार पर उन्हें 750 किलो प्याज के बदले में महज 1064 रूपये का दाम ही मिला. पूरे सीजन की जी तोड़ मेहनत के बदले में उन्हें इतनी कम राशि देखकर दुःख हुआ और वो इतने व्यथित हो गए कि उन्होंने इस राशि को प्रधानमंत्री को भेजने का फैसला कर लिया.

बताते चलें कि संजय उन कुछ चुनिंदा प्रगतिशील किसानों में से एक थे, जिन्हें केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की साल 2010 में हुई भारत यात्रा के दौरान ओबामा से संवाद करने के लिए चुना था.

सरकारी न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए संजय ने कहा कि इस सीजन में उन्होंने 750 किलो प्याज का उत्पादन किया था और पिछले हफ्ते निफाड थोक बाजार में बेचने ले गए. यहाँ उन्हें अपनी सारी प्याज को लगभग 1 रूपये की दर पर बेचने को मजबूर होना पड़ा. उन्होंने कहा- "चार महीने की अपनी कठिन मेहनत के बदले में इतनी कम रकम देखकर उन्हें बेहद दुःख पहुंचा. तब मैंने विरोध जताने के लिए इस राशि को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में दान करने का फैसला किया. साथ ही इस रकम को भेजने के लिए मुझे 54 रूपये डाक का मनीऑर्डर अलग से लगाना पड़ा."

संजय आगे कहते हैं कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े हैं. मगर उन्हें गुस्सा इस बात का है कि सरकार किसानों के दर्द को समझ नहीं रही है. सरकारी उदासीनता और बेरुखी उन्हें गहरी पीड़ा देती है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री को भेजे गए इस मनीऑर्डर को उन्होंने 29 नवंबर को निफाड पोस्ट ऑफिस से भेजा था. सनद रहे है कि महाराष्ट्र का नासिक जिला देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक क्षेत्र है. देश के कुल प्याज उत्पादन का 50 फीसदी उत्पादन अकेले नासिक जिले में ही होता है.

ओबामा से हुई मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह किसानों के लिए चलाई जा रही एक टेलीफोन सेवा से मिलने वाली सलाह के आधार पर खेती करते थे. वह उस दूरभाष सेवा पर फ़ोन करके मौसम और फसल संबंधी सभी जानकरी लेते थे. इस तरह उन्हें अपनी पैदावार बढ़ाने में कामयाबी हासिल हुई थी.

बकौल संजय "मुझे खेती में किये अपने प्रयोगों के बारे में बातचीत के लिए आकाशवाणी के एक कार्यक्रम में भी बुलाया गया था. इसी बुनियाद पर ही ओबामा की मुंबई यात्रा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मुझे सैंट जैवियर कॉलेज में स्टॉल लगाने के लिए चुना था. एक दुभाषिये की मदद से मैंने अमेरिकी राष्ट्रपति से अपनी बात साझा की थी."

रोहिताश चौधरी, कृषि जागरण

English Summary: Shameful news: 750 kg of onion yielded to farmers sent to Narendra Modi Published on: 03 December 2018, 07:50 PM IST

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