हरियाणा में सरकार द्वारा किसानों की सरसों फसल की ऑनलाइन खरीद दो सप्ताह पहले ही शुरू कर दी गई थी लेकिन समर्थन मूल्य पर यह खरीदी किसनों के साथ किसी माजक से काम नहीं है. अभी इसका ताजा मामला सिरसा जिले के सुचान-कोटली गांव से आया है जहां किसानों के साथ खरीद को लेकर मजाक किया जा रहा है. बता दें मंगलवार को कुछ किसानों के पास एसएमएस आया की आप लोगों को अपनी सरसों की बिक्री के लिए 29 अप्रैल को खारियां की मंडी आना है. इस प्रकार किसान अपने मोबाइल पर मैसेज देख कर किसानों को खुशी से ज्यादा दु:ख हुआ क्योंकि जहाँ से सरसो बिक्री का बुलावा आया था वह उनके घर से लगभग 40 किलोमीटर दूर था.
हालांकि उसमें से एक कोटली गांव से सिरसा शहर महज 10 किलोमीटर की दूरी पर है. इस लॉकडाउन में कृषि विभाग ने फसल बिक्री के लिए इतनी दूर मंडी अलॉट करके किसानों की परेशानी बढ़ा दी. इससे ज्यादा परेशानी किसानों को तब हुई जब 29 अप्रैल को किसान फसल बेचने के मंडी पहुंचे. मंडी में एक कृषी अधिकारी ने बताया कि आज की फसल बिक्री में आप के गांव का एक भी नाम नहीं है. इसलिए आप लोगों की फसल खरीद नहीं हो सकती है. जब अधिकारीयों को किसानों ने मैसेज दिखाया तो अधिकारीयों ने कहा, "सिस्टम में खराबी के चलते गलती से यह मैसेज फार्वड हो गया है, इसलिए मैसेज को डिलीट कर दो."
हिसार जिले के किसान वीरभान मेहता, बेअंत सिंह, जगदेव सिंह, चकोतर सिंह आदि का कहना है कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है. किसी भी गांव से 40 किलोमीटर दूर मंडी अलॉट करना किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं है, वो भी लॉकडाउन जैसी स्थिति में. इतनी परेशानी के बाद भी किसानों की फसल बिक नहीं पा रही है.
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