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3.1% तक पहुँच सकता है भारत का कृषि क्षेत्र विकास- नीति आयोग

फूड वैल्यू चैन पार्टनरशिप मुद्दे पर आज दूसरे नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन ASSOCHAM की तरफ से होटल दा पार्क, दिल्ली में हुआ. इस कॉन्फ्रेंस में कृषि जगत के कई विशेषज्ञों के साथ-साथ, स्टेकहोल्डर्स, फार्म एग्ग्रेगेटर्स, फूड प्रोसेसर्स, कोल्ड चैन, रिटेलर्स, नीति आयोग, फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स, मल्टीनेशनल कॉर्पोरेट्स और सरकारी अधिकारियों आदि ने भाग लिया.

सिप्पू कुमार

फूड वैल्यू चैन पार्टनरशिप मुद्दे पर आज दूसरे नेशनल कांफ्रेंस का आयोजन ASSOCHAM की तरफ से होटल दा पार्क, दिल्ली में हुआ. इस कॉन्फ्रेंस में कृषि जगत के कई विशेषज्ञों के साथ-साथ, स्टेकहोल्डर्स, फार्म एग्ग्रेगेटर्स, फूड प्रोसेसर्स, कोल्ड चैन, रिटेलर्स, नीति आयोग, फाइनेंसियल इंस्टीटूशन्स, मल्टीनेशनल कॉर्पोरेट्स और सरकारी अधिकारियों आदि ने भाग लिया.

कॉन्फ्रेंस में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण श्रृंखला में फूड वैल्यू, फूड वैल्यू श्रृंखला और संबंधित क्षेत्रों की भूमिकाओं तथा खाद्य क्षेत्र के साथ अन्य सेक्टर के तालमेल जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी. वहीं नीति आयोग के प्रोफेसर रमेश चंद एवं ASSOCHAM के असिस्टेंट सेक्रेटरी डी.एस राजोरा द्वारा नॉलेज पेपर भी रिलीज़ किया गया.

कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रोफेसर रमेश चंद ने कहा कि “वर्तमान वित्त वर्ष में भारत का कृषि क्षेत्र विकास 3.1% तक पहुँच सकता है, लेकिन इसके लिए संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा कि “भारतीय कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. मुझे लगता है कि आज हमें कृषि में अधिक प्रतिस्पर्धा, अधिक निवेश और पारंपरिक से आधुनिक तकनीकों की तरफ बढ़ने की जरूरत है. लेकिन ये सब निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है.”

प्राइवेट सेक्टर की महत्वता को बताते हुए उन्होंने कि "जब तक हम कॉर्पोरेट क्षेत्र के निवेश में वृद्धि नहीं करते हैं और बीज से लेकर बिक्री तक में उनके योगदान को सहायता नहीं प्रदान करते हैं, तब तक कृषि के विकास और किसानों की आय को दोगुना करना एक जटिल प्रश्न रहेगा.

कॉन्फ्रेंस में खाद्य अपव्यय के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए नेशनल रैनफीड एरिया अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अशोक डलवाई ने कहा कि अच्छे उत्पादन के बाद भी फूड वेस्टेज हमारे देश की दुखद समस्या है. इसके लिए हमें स्टोरेज सिस्टम के बुनियादी ढांचे पर काम करने की जरूरत है. वहीं हॉर्टिकल्चर कमिशनर डॉ. बी.एन. श्रीनिवास मूर्ति ने बताया कि फूड वैल्यू सेक्टर में भारत किसी भी पश्चिमी देश के साथ आसानी से प्रतिस्पर्धा की काबिलियत रखता है. लेकिन इसके लिए हमे नारियल, शहद जैसे उत्पादों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा.

इन्वेस्ट इंडिया के सीईओ श्री दीपक बागला ने अपने संबोधन में खेती की महत्वता बताते हुए कहा कि कृषि की उपेक्षा क्र किसी भी कंडीशन में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य तक पहुंच सकता.

कॉन्फ्रेंस में राशि सीड्स के सीईओ अमित मुण्डवाला ने बताया कि बीजों के बिना फूड चैन के बारे में सोचना भी असंभव है. हमारी समूची कृषि और खाद्य प्रक्रिया बीजों पर आश्रित है. बीज आधार हैं. इसलिए सरकार को सबसे पहले इस सीड इंडस्ट्री पर ध्यान देने की जरूरत है. वहीं इफको किसान संचार के सीईओ संदीप मल्होत्रा ने किसानों को तकनीक के प्रयोग की सलाह दी. उन्होंने बताया कि फूड चैन में संचार की भूमिका अहम है, इसलिए इफको किसान मौसम, मंडी भाव, प्लांट सिक्योरिटी आदि सभी जानकारियां किसानों को बदलते हुए जमाने के साथ डिजिटली दे रहा है.

English Summary: second national confrence on food value chain partnership end to end approach held in hotel the park delhi Published on: 16 January 2020, 07:59 PM IST

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