देश के सबसे बड़े बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) का नाम पहले स्थान पर आता है. यह एक सरकारी बैंक है, जो कि देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से भी एक है. हाल ही में, एसबीआई (SBI) ने कहा है कि इस साल वह 14 हजार नियुक्तियां करने की योजना बना रहा है. वह अपने कारोबार का विस्तार कर रहा है. जिसके लिए लोगों की आवश्यकता होगी. इसके साथ ही बैंक ने यह भी कहा है कि वीआरएस स्कीम कॉस्ट कटिंग के लिए नहीं लाई गई है.
SBI का कहना है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) बैंक की लागत में कटौती करने के लिए नहीं है. हालाकिं, इसके पहले खबर आई थी कि बैंक ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना तैयार की है. इसके दायरे में लगभग 30,190 कर्मचारी आ सकते हैं. खबरों की मानें, तो बैंक की प्रस्तावित वीआरएस लागत घटाने के लिए नहीं है.
एसबीआई के मुताबिक
बैंक द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि हम हमेशा से कर्मचारियों के प्रति दोस्ताना नजरिया रखते हैं. मगर बैंक अपने कारोबार का विस्तार कर रहा है. इसके लिए लोगों की आवश्यकता होगी. यह इस बात से साबित होता है कि इस साल बैंक लगभग 14 हजार से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति करने की योजना बना रहा है. बयान में यह भी कहा गया है कि अभी बैंक में लगभग ढाई लाख के कर्मचारी हैं, जिनकी मदद के लिए बैंक हमेशा आगे रहा है.
क्या है वीआरएस 2020
एसबीआई की वीआरएस योजना ऐसे सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खुली होगी, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक बैंक को 25 साल की सेवा दी होगी या फिर जो 55 साल की उम्र पूरी कर चुके होंगे. बता दें कि इस साल यह योजना 1 दिसंबर से फरवरी 2021 के आखिर तक खुली रहेगी. यानी इसी अवधि में वीआरएस के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे.
क्या होगा कर्मचारियों को फायदा
इस योजना के तहत जिन कर्मचारियों की वीआरएस का आवेदन स्वीकार किया जाएगा, उन्हें वास्तविक रिटायरमेंट तारीख तक बची हुई सेवा अवधि के लिए वेतन का 50 प्रतिशत एक्स ग्रेशिया के रूप में मिलेगा. इतना ही नहीं, अन्य फायदे जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और मेडिकल बेनिफिट्स भी दिए जाएंगे.
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