कच्चे तेल और ईंधन गैसों के बढ़ते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. यह लोगों के लिए एक चिंता का विषय बन गया है. एक तरफ कच्चे तेल और ईंधन के बढ़ते दामों (Rising prices of crude oil and fuel) ने लोगों की आर्थिक स्तिथि को प्रभावित कर दिया है, तो वहीँ दूसरी तरफ ईंधन की बढ़ती हुई मात्रा लोगों की सेहत पर काफी बुरा असर डाल रही है
बता दें देश में हर साल लगभग लाखों लोग वायु प्रदूषण की वजह से खतरनाक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. प्रदूषण से उत्पन्न नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (NO2) बच्चों में अस्थमा जैसी बीमारियां पैदा कर रही है. देश में बढ़ती इन्हीं परेशानियों को देखते हुए सड़क परिवहन मंत्री ने नितिन गड़करी (Nitin Gadkari) ने एक अहम पहल की है.
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दरअसल, जैविक ईधन के उत्पादन को बढ़ावा देने और कच्चे तेल व ईंधन गैसों के आयात पर भारत की निर्भरता घटाने के लिए इंदौर के सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Soybean Processors Association of India) में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया है
इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि कच्चे तेल और ईंधन गैसों का कम इस्तेमाल करना चाहिए, बल्कि सोयाबीन, गेहूं, धान, कपास आदि फसलों के खेतों की पराली से बायो-सीएनजी (Bio-CNG) और बायो-एलएनजी (Bio-LNG) सरीखे जैव ईंधनों (Biofuels) के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि खुद मैंने अपने (डीजल चालित) ट्रैक्टर को सीएनजी से चलने वाले वाहन में बदल दिया है
जैव ईंधनों के उत्पादन से किसानों को होगा लाभ (Farmers will benefit from the production of biofuels)
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जैविक ईंधन का उत्पादन किसानों की कमाई जरिया बनेगा.
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खेती के अलावा उनके पास कमाई का दूसरा और अच्छा विकल्प होगा.
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देश में बढ़ते प्रदूषण से लोगों को निजात मिलेगी.
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घतारानक बीमारियों से लोगों का बचाव होगा.
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