KJ Chaupal: 27 साल पहले किसानों व कृषि क्षेत्र के हित के लिए कृषि जागरण की स्थापना की गई थी. जो आज इस क्षेत्र अपनी मैग्जीन, वेबसाइट और दूसरे माध्यम से काम करके इतिहास रच रहा है. कृषि जागरण मीडिया का एक खास प्रोग्राम है ‘केजे चौपाल’ (KJ Chaupal). जिसमें कृषि से जुड़े गणमान्य लोग और प्रगतिशील किसान बतौर मेहमान आकर अपने कामों, अनुभवों और नवीनतम तकनीकों को साझा करते हैं.
इसी कड़ी में शनिवार को (20 जनवरी) को भारत के सबसे अमीर किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी कृषि जागरण के चौपाल कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कृषि जागरण के दिल्ली स्थिति मुख्यालय का दौरा भी किया और पूरी टीम के साथ बातचीत की.
KJ Chaupal कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कृषि जागरण एवं एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक ने राजाराम त्रिपाठी का गर्मजोशी से स्वागत किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज मुझे भारत के सबसे अमीर किसान के साथ मंच साझा करते हुए बड़ा ही गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि आज मेरा सपना सच में पूरा हुआ है. जो सपना मैंने 27 साल पहले देखा था, उसी सपने को आज राजाराम त्रिपाठी ने सच कर दिखाया है. राजाराम त्रिपाठी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि आज आपने वो कर दिखाया है, जो किसी ने सोचा भी नहीं था. मुझे पूरी उम्मीद है की आप देश के अन्य किसानों और आने वाली पीढ़ी के लिए मिसाल बनेंगे. उन्होंने कहा कि वो दिन अब दूर नहीं, जिस दिन विश्व के सभी किसान एकजुट होकर अपने भविष्य का निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा देश में जल्द अब ये चर्चा होगी की अगला राजा राम त्रिपाठी कौन होगा?
वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि कृषि जागरण के संस्थापक एमसी डोमिनिक से मेरा पुराना नाता रहा है. मैं उन्हें 27 साल पहले मिला था. तब मुझे पता नहीं था की अपनी मेहनत के दाम पर एमसी डोमिनिक कृषि जागरण और कृषि पत्रकारिता को यहां तक लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि बड़े सपने देखना कोई अपराध नहीं है और आज एमसी डोमिनिक ने अपने सपने को सच में बड़ा कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि एमसी डोमिनिक ने एक इतिहास रचा है, जो मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड के रूप में आपके सामने पेश है.
उन्होंने कहा कि मैं एक अति पिछड़े क्षेत्र से आता हूं. जहां, नक्सलवाद काफी हावी है और काम करना बेहद कठिन. उन्होंने कहा कि मेरी कहानी उन किसानों के लिए एक प्रेरणा है, जो सोचते हैं खेती से कुछ नहीं कमाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर मुझ जैसा किसान ऐसे पिछड़े क्षेत्र से निकलकर देश के रिचेस्ट फार्मर का खिताब जित सकता है, तो आप ये क्यों नहीं कर सकते. उन्होंने कहा की आने वाला वक्त खेती और कृषि का है. देश की सफलता का रास्ता आने वाले दिनों में खेती से होकर ही गुजरेगा. उन्होंने कहा कि देश का मीडिया अभी तक इन बातों को समझ नहीं पा रहा है की खेती किस तरीके से देश के विकास को बदल सकती है. मीडिया ज्यादातर पॉलिटिक्स और अन्य चीजों को ज्यादा तरजीह देता है. जबकि, खेती को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
उन्हीं कहा की विदेशों में किसान ऑडी से घूमते हैं और हमारे यहां आत्महत्या की बात होती है. उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में कोई न कोई आइकन या रोल मॉडल है. लेकिन, जब बात कृषि की आती है तो हमें ढूंढकर भी कोई नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि हमें कृषि की अहमियत समझनी होगी, क्योंकि आने वाले दिनों में भारत एग्रीकल्चर को लीड करेगा. देश में करोड़ों युवा है और सिर्फ कृषि क्षेत्र ही ऐसा है जो इतने युवाओं को रोजगार दे सकता है. उन्होंने कहा कि मैं कृषि जागरण के इस सम्मान के लिए सभी का धन्यवाद करता हूं और ये भरोसा दिलाता हूं कि मैं कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने में कृषि जागरण के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहूंगा.
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