Rice Price Hike: देश में चावल की बढ़ती कीमतों पर केंद्र सरकार सख्त हो गई है. सरकार ने चावल उद्योग से जुड़े व्यापारियों को घरेलू बाजार में चावल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने ने कहा है. इसके साथ ही सरकार ने चेतावनी भी दी है की अगर चावल की मुनाफाखोरी हुई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. दरअसल, देश में पिछले कुछ महीनों से गैर-बासमती चावल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. लगातार बढ़ रही चावल की कीमतों से सरकार भी चिंतित है, जिस वजह से सरकार ने चावल उद्योग को दाम कम करने को कहा है.
निर्यात शुल्क बढ़ा सकती है सरकार
बिजनेस लाइन में छपी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अगर चावल उद्योग कीमतों पर लगाम लगाने में विफल रहता है, तो चावल पर निर्यात शुल्क में तत्काल बढ़ोतरी हो सकती है या टैरिफ मूल्य लगाया जा सकता है. सोमवार को नई दिल्ली में खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने चावल प्रसंस्करण उद्योग के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की. बैठक में उन्होंने गैर बासमती चावल की कीमतों को समय रहते उचित स्तर पर लाने के उपाय पर चर्चा की और चावल उद्योग से जुड़े बड़े व्यापारियों को इस संबंध में निर्देश दिए.
सरकार 29 रुपये में उपलब्ध करवा रही चावल
सरकार ने अपने निर्देश में कहा है कि देश में अच्छी गुणवत्ता वाले चावल का भरपूर स्टॉक मौजूद है, जिसे ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (OMSS) के तहत ट्रेडर्स और प्रोसेसर्स को 29 रुपये किलोग्राम में उपलब्ध कराया जा रहा है. लेकिन, घरेलू बाजार में वही चावल 43 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम के मूल्य पर बिक रहा है, जो उचित नहीं है. इसी वजह से सरकार को ये फैसला लेना पड़ा है.
सख्ती के बाद भी कम नहीं हुए दाम
बता दें कि जुलाई महीने में सरकार ने नॉन बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा, एक्सपोर्ट ड्यूटी में 20% की वृद्धि भी की थी. सरकार का यह प्रयास था कि इससे घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में कमी आएगी. लेकिन, सख्ती के बाद भी सरकार का यह प्रयास विफल रहा और बाजार में चावल की कीमतें बढ़ती रहीं.
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