1. Home
  2. ख़बरें

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री का रिपोर्ट: 100 दिन में महत्वपूर्ण निर्णय और उपलब्धियां

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में 100 दिन में मंत्रालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियों को साझा किया. उन्होंने बताया कि भारत ने मछली पालन के क्षेत्र में 38,572 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे उत्पादन 175.45 लाख टन तक पहुंच गया है. इसके साथ ही, घरेलू मछली की खपत भी बढ़कर 13.1 किलोग्राम प्रति व्यक्ति हो गई है. यहां पढ़ें पूरी खबर-

विवेक कुमार राय
Union Minister for Fisheries, Animal Husbandry and Dairying Rajiv Ranjan Singh
Union Minister for Fisheries, Animal Husbandry and Dairying Rajiv Ranjan Singh

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में 100 दिन में मंत्रालय के लिए किए गए महत्वपूर्ण निर्णयों और उपलब्धियों की जानकारी दी. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल, श्री जॉर्ज कुरियन, सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, सुश्री अलका उपाध्याय और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.

मत्स्यपालन का महत्व

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मात्स्यिकी और जलीय कृषि भोजन, पोषण, रोजगार, आय और विदेशी मुद्रा का महत्वपूर्ण स्रोत हैं. मछली एक स्वस्थ एनिमल प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड का किफायती और समृद्ध स्रोत है, जिससे भूख और कुपोषण को कम करने की अपार क्षमता है.

भारत की स्थिति

भारत में मत्स्य पालन के समृद्ध और विविध संसाधन हैं. देश दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक है, जो वैश्विक उत्पादन में लगभग 8% का योगदान करता है. भारत जल कृषि उत्पादन में भी दूसरे स्थान पर है और शीर्ष झींगा उत्पादक एवं निर्यातक देशों में शामिल है.

महत्वपूर्ण सुधार

भारत सरकार ने मात्स्यिकी और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कई परिवर्तनकारी पहल की हैं:

  1. नए मत्स्यपालन विभाग का गठन: फरवरी 2019 में एक अलग मत्स्य पालन विभाग बनाया गया और जून 2019 में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय का गठन किया गया. यह पहल मछुआरों और मत्स्य पालकों के कल्याण के लिए केंद्रित है.
  2. मात्स्यिकी क्षेत्र में निवेश और उपलब्धियां
  • कुल निवेश: पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने मात्स्यिकी और जल कृषि क्षेत्र में 38,572 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
  • मुख्य योजनाएं:

- नीली क्रांति योजना
- मात्स्यिकी और जल कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF)
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
- प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना (PM-MKSSY)

प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)

  • लॉन्च: वित्त वर्ष 2020-21 से

  • निवेश लक्ष्य: 20,050 करोड़ रुपये

  • परियोजनाएं: 2020-21 से 2023-24 के बीच 20,687.28 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.

  1. रिकॉर्ड राष्ट्रीय मत्स्य उत्पादन

  • उत्पादन में वृद्धि: 1950-51 में 7.52 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 175.45 लाख टन तक.

  • वृद्धि प्रतिशत: 23 गुना वृद्धि; पिछले 9 वर्षों में 79.66 लाख टन (83% वृद्धि).

  1. अंतर्देशीय और जल कृषि उत्पादन

  • उत्पादन: 1950-51 में 2.18 लाख टन से बढ़कर 2022-23 में 131.33 लाख टन.

  • वृद्धि: 114% (61.36 लाख टन से 131.33 लाख टन).

  1. समुद्री खाद्य निर्यात

  • निर्यात में वृद्धि: 2013-14 में 30,213 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 60,523.89 करोड़ रुपये.

  • वैश्विक बाजार: भारतीय समुद्री खाद्य 129 देशों को निर्यात किया जाता है, जिसमें अमेरिका प्रमुख है.

  1. खारे पानी के जलीय कृषि उत्पादन

  • झींगा पालन: आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु से निर्यात में वृद्धि.

  • निर्यात मूल्य: 2013-14 में 19,368 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 40,013.54 करोड़ रुपये.

  1. राष्ट्रीय सकल मूल्य वर्धन (GVA)

  • विकास दर: 2014-15 से 2021-22 में 8.61% की औसत वृद्धि.

  • योगदान: राष्ट्रीय GVA में 1.069% और कृषि GVA में 6.86% का योगदान.

  1. घरेलू मछली की खपत

  • उपभोग में वृद्धि: 2013-14 में 5 किलोग्राम/व्यक्ति से बढ़कर 13.1 किलोग्राम/व्यक्ति हो गई.

  1. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)

  • लाभार्थी: मछुआरों और मत्स्य पालकों के लिए.

  • ऋण: 2687.20 करोड़ रुपये की ऋण राशि के साथ 4.32 लाख KCC की मंजूरी दी गई.

  1. फिशिंग हारबर्स (FH) और फिश लैंडिंग सेंटर्स (FLC)

  • महत्व: FH और FLC फिशिंग वेसल्स के लिए सुरक्षित लैंडिंग, बर्थिंग, लोडिंग और अनलोडिंग सुविधाएं प्रदान करते हैं.

  • निवेश: पिछले 10 वर्षों में, भारत सरकार ने 66 FH और 50 FLC के निर्माण/आधुनिकीकरण के लिए 9,532.30 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है.

  1. प्रौद्योगिकी को अपनाना

  • प्रमुख तकनीकें: बायोफ्लोक, रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS), पेन और केज कल्चर.
  • परियोजनाएं: पिछले 4 वर्षों में 52,058 जलाशय केज, 12,081 RAS, 4,205 बायोफ्लोक इकाइयां और 1,525 ओपन सी केज को मंजूरी दी गई है.
  1. जल कृषि क्षेत्र में विस्तार

    अंतर्देशीय जल कृषि के लिए 23,285.06 हेक्टेयर, लवणीय-क्षारीय तालाब के लिए 3,159.39 हेक्टेयर, मीठे पानी के बायोफ्लोक के लिए 3,882 हेक्टेयर, और खारे पानी के लिए 1,580.86 हेक्टेयर क्षेत्र को मंजूरी दी गई.
  2. स्वास्थ्य प्रबंधन

  • NASPAAD 2.0: 31 मोबाइल केंद्र, 19 रोग निदान केंद्र, और 6 जलीय रेफरल प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं.
  • बीज और ब्रूडस्टॉक: 5 ब्रूड मल्टीप्लीकेशन सेंटर और 820 हैचरी को मंजूरी दी गई है.
  1. प्रजाति विविधीकरण

  • आत्मनिर्भर भारत पहल: ICAR-CIBA के माध्यम से पेनेअस इंडिकस के आनुवंशिक सुधार के लिए राष्ट्रीय परियोजना.
  • स्थानीय प्रजातियों का उत्पादन: देशी प्रजातियों जैसे पी. मोनोडोन, स्कैम्पी, और जयंती रोहू के उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
  1. क्षेत्र-विशिष्ट प्रौद्योगिकियां

  • हिमालयी क्षेत्र: ट्राउट का विकास.
  • उत्तर पूर्वी क्षेत्र: एकीकृत मछली पालन के लिए 1,608.44 करोड़ रुपये के निवेश वाली परियोजनाएं.
  1. सजावटी मत्स्य पालन 

    2,672 सजावटी मत्स्य इकाइयां और 2,307 बाइवाल्व खेती इकाइयों को मंजूरी दी गई.
  2. समुद्री शैवाल पार्क

  • तमिलनाडु: 127.71 करोड़ रुपये के निवेश के साथ मल्टीपरपस सी वीड पार्क की स्थापना. उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री और उत्पाद नवाचार को बढ़ावा देने के लिए.
  1. पोस्ट हार्वेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर

  • संवर्द्धन: 6,694 मत्स्य कियोस्क, 1,091 फ़ीड मिल, 634 आईस प्लांट्स, 202 फिश रीटेल मार्केट्स, और 20 आधुनिक होलसेल मार्केट्स की मंजूरी.
  1. मत्स्य स्टॉक बढ़ाने के उपाय

  • आर्टिफिशियल रीफ्स और सी रेंचिंग: 937 आर्टिफिशियल रीफ्स की स्थापना को मंजूरी दी गई है.
  1. बीमा योजना

  • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत समूह दुर्घटना बीमा योजना: 5 लाख रुपये की दुर्घटना बीमा कवरेज.
  • कवरेज: 131.30 लाख मछुआरों को 64.50 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिसमें 874 दावों का निपटारा किया गया है.
  1.  पीएमएमएसवाई के तहत सहायता

  • आजीविका और पोषण समर्थन: वार्षिक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के दौरान, औसतन 5.94 लाख मछुआरों को सहायता प्रदान की गई.

  • कुल परिव्यय: 1,384.79 करोड़ रुपये, जिसमें 490.84 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है.

  1. सहकारी समितियां और मत्स्यपालक उत्पादक संगठन (FFPO)

  • संस्थाओं की स्थापना: 2,195 FFPO की स्थापना को बढ़ावा दिया गया है.

  • सामूहिकता और सौदेबाजी शक्ति: SFAC, NAFED, NCDC और NFDB जैसी एजेंसियों के माध्यम से सहकारी समितियों को मजबूत किया जा रहा है.

  1. तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023

  • उद्देश्य: विनियामक व्यवस्था को सरल बनाना और छोटे जलकृषि किसानों को सपोर्ट करना.

  • मुख्य प्रावधान: समुद्री केज खेती और समुद्री शैवाल की खेती को बढ़ावा देने के लिए तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) विनियमों का स्पष्ट करना.

  1. व्यवसाय करने में आसानी (EODB)

  • झींगा हैचरी के लिए नियम सरल बनाए गए हैं: अब झींगा ब्रूड स्टॉक के आयात के लिए एसआईपी की आवश्यकता नहीं है.

  • तिलापिया खेती: राज्य सरकारों को तिलापिया हैचरी की स्थापना के लिए अनुमति देने की शक्ति दी गई है.

  1. मछुआरों की सुरक्षा के लिए तकनीकी पहल

  • सैटेलाइट आधारित संचार प्रणाली: 1 लाख फिशिंग वेसल्स पर स्थापित करने के लिए 364 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

  • सुरक्षा सुनिश्चित करना: मछुआरों को तूफानों और आपदाओं के दौरान सहायता मांगने की सुविधा मिलेगी.

  1. प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सेह योजना (PM-MKSSY)

  • सहायता का उद्देश्य: असंगठित मात्स्यिकी क्षेत्र को संगठित करना और कार्य-आधारित पहचान प्रदान करना.

  • नेशनल फिशरीस डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP): 2025 तक संस्थागत ऋण, जलीय कृषि बीमा, और मूल्य-श्रृंखला दक्षता को बढ़ावा देना.

  1. अंतरराष्ट्रीय सहयोग

  • ग्लोलिटर साझेदारी परियोजना: समुद्री कूड़े को रोकने और प्लास्टिक उपयोग में कमी के लिए भारत ने अपनी राष्ट्रीय कार्य योजना प्रकाशित की.

  1. सागर परिक्रमा यात्रा

  • उद्देश्य: मछुआरों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझना और स्थायी मछली पकड़ने को बढ़ावा देना.

  • दौरे का दायरा: 12 तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 44 दिनों में 8,000 किलोमीटर की यात्रा.

  1. भविष्य की योजनाएं

  • लक्ष्य: 2024-25 के पीएमएमएसवाई लक्ष्यों को पार करना और 2030 तक 200 लाख टन से अधिक मत्स्य उत्पादन प्राप्त करना.

  • विकास की दिशा: समुद्री कृषि, केज कल्चर, और बायोफ्लॉक्स जैसी तकनीकों का विस्तार करना.

  1. सरकारी समर्थन

  • नई पहलों की घोषणा: 30 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन.

पशुधन क्षेत्र में वृद्धि

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि पशुधन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का एक महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है.  यह देश के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है. 

वृद्धि दर

  • सीएजीआर (2014-15 से 2022-23): 9.82%

  • जीवीए में योगदान: 2014-15 में 24.36% से बढ़कर 2022-23 में 30.22%

  • 2022-23 में कुल जीवीए का योगदान: 5.5%

  • उत्पादन मूल्य (2022-23): 17.25 लाख करोड़ रुपये (205.81 बिलियन अमेरिकी डॉलर)

दूध उत्पादन

  • दूध उत्पादन मूल्य: 11.16 लाख करोड़ रुपये (133.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर)

  • उत्पादन में वृद्धि: 2014-15 में 4.96 लाख करोड़ रुपये से 125% बढ़कर 2022-23 में 11.16 लाख करोड़ रुपये

  • दूध उत्पादन (2014-15 से 2022-23): 146.3 मिलियन टन से बढ़कर 230.60 मिलियन टन

  • प्रतिदिन प्रति व्यक्ति उपलब्धता: 459 ग्राम (विश्व औसत: 325 ग्राम)

अंडे और अन्य उत्पाद

  • अंडे का उत्पादन: 78.48 बिलियन से 138.38 बिलियन (76.32% की वृद्धि)

  • अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता: 62 से 101 अंडे प्रति वर्ष

  • गोपशुओं और भैंसों की उत्पादकता: 1648.17 किलोग्राम प्रति पशु से बढ़कर 2079 किलोग्राम प्रति पशु

राष्ट्रीय गोकुल मिशन

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन दिसंबर 2014 में विशेष रूप से वैज्ञानिक समग्र तरीके से देशी बोवाइन नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए शुरू किया गया है. इस योजना के तहत हासिल की गई प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

  • 53 करोड़ पशुओं को एआई सेवाएं मुफ्त

  • 22 आईवीएफ/ईटी लैब का संचालन

  • 90% सटीकता के साथ सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन

  • जीनोमिक चिप का विकास

राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम

  • महिलाओं की भागीदारी: सहकारी सदस्यों में 32%
  • दूध प्रसंस्करण क्षमता: 555.63 लाख लीटर से बढ़कर 1033 लाख लीटर प्रति दिन

रोग नियंत्रण कार्यक्रम

  • टीकाकरण कार्यक्रम:

    - 85 करोड़ एफ़एमडी टीकाकरण

    - ब्रुसेलोसिस के लिए 92 करोड़ टीकाकरण

    - 66 करोड़ पीपीआर टीकाकरण

क्रेडिट प्रवाह को बढ़ाना

  • किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी): वर्ष 2019 में शुरू

  • पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ): 15,000 करोड़ रुपये का पैकेज

राष्ट्रीय पशुधन मिशन

  • उद्देश्य: कुक्कुट, भेड़, बकरी, आहार और चारा विकास

  • जोखिम शमन: पशुधन बीमा के लिए सहायता

English Summary: Report of Union Minister of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying: Important decisions and achievements in 100 days Published on: 18 September 2024, 05:24 PM IST

Like this article?

Hey! I am विवेक कुमार राय. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News