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उज्जवा स्तिथ कृषि विज्ञान केंद्र में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने कहा की फसल अवशेष को जलाने से पर्यावरण को काफी नुक्सान पहुँच रहा है. कटाई के बाद बचे फसल अवशेष को जलाने के बजाये इसका प्रबंधन करना चाहिए. यह प्रबंधन खेत में ही होना चाहिए. पर्यावरण को स्वच्छ बनाए में किसान हम भूमिका निभा सकते हैं.
उन्होंने केंद्र सरकार दवारा किसानो के लिए चलाई जा रही योजनाओ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा की अभी देश में करीब ९.३ करोड़ किसानो को मंत्रालय की और से मौसम से सम्बंधित जानकारियां दी जा रही हैं. इससे किसानो को सीधे तौर पर फायदा हो रहा है.
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डॉ हर्षवर्धन ने कहा की सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सरकार की कई योजनाओ के तहत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के उपरांत युवा न सिर्फ अपना व्यवसाय कर सकते हैं, बल्कि वे इस स्थिति में रहेंगे की वे दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं. आज किसान केवल किसान नहीं , बलिक उद्धयमी बन चुके हैं. इस दौरान कई सफल कृषक उद्यमीयों ने भी अपने अनुभव भी साझा किये.
वहीँ, राष्ट्रीय बागवानी अनुसन्धान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ बिजेंद्र सिंह ने कहा की उजवा स्तिथ कृषि विज्ञान केंद्र में दूर दूर से लोग कोर्स करने आते हैं. ऐसे में यहाँ एक किसान छात्रावास की जरूरत है. इस मोके पर भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के अतिरिक्त महानिदेशक रणधीर सिंह मौजूद रहे.
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