राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर डेयरी में लगभग 313 करोड रुपए की लागत से बना दुग्ध प्रोसेसिंग प्लांट का लोकपर्ण वर्चुअल माध्यम से किया. अजमेर डेयरी के अनुसार यह प्लांट उत्तर भारत का सबसे बड़ा प्लांट है. दूसरी तरफ डेयरी को 100 टन सफेद मक्खन का आर्डर भी मिला है, जो एक रिकॉर्ड है. अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, राजस्थान सहकारी अधिनियम 1965 के तहत वर्ष 1972 में रजिस्टरर्ड किया गया था.
अशोक गहलोत ने कहा कि “किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाने के लिए राज्य सरकार खाद्य प्रोसेसिंग (Food processing) पर विशेष जोर दे रही है. प्रदेश में खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने पर अब किसानों को 10 हैक्टेयर तक जमीन को बदलने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में डेयरी क्षेत्र के विस्तार की काफी संभावनाएं हैं.
डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने बताया कि “30 साल पहले देखा गया सपना साकार हुआ है. 1990 में यहां आने के बाद उन्होंने यह सपना देखा था कि अजमेर डेयरी को देश की सर्वोच्च डेयरी के पायदान पर ले जाएंगे. यह सपना आज सभी के प्रयासों से सफल हो गया है.”
अजमेर डेयरी की वर्तमान स्थिति (Current status of Ajmer dairy)
डेयरी के एमडी उमेश चंद्र व्यास के अनुसार प्लांट की प्रतिदिन की क्षमता आठ लाख लीटर टन उत्पादन की है. प्लांट पूरी तरह से ग्रीन एनर्जी पर है तथा यहां 42 प्रकार के मिल्क प्रोडक्ट तैयार किए जाएंगे. यहाँ सफेद मक्खन बाजार से भी कम दर पर दिया जाएगा.
डेयरी की शुरुआती चरण में 25 हजार प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध संयंत्रों को डेढ़ लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता तक पहुंचाया गया, जो अब 8 लाख लीटर तक पहुंच गया है. जिले में 727 उत्पादक सहकारी समितियां रजिस्टर्ड हो चुकी है, जिनसे लगभग 350 लाख लीटर दूध इकट्ठा किया जा रहा है. यह नया संयंत्र 8-10 लाख लीटर क्षमता प्रतिदिन और 30 मैट्रिक टन दूध पाउडर उत्पादन क्षमता रखता है.
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