ये बीते दौर की बात हो गई की महिलाये हर एक क्षेत्र में पिछड़ी हुई थी. अब ये हर एक क्षेत्र में चाहें वो मीडिया क्षेत्र हो, राजनीतिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र हो या फिर प्रशासनिक क्षेत्र इन सभी क्षेत्रों में वो पुरुषों के साथ कंधा से मिलाकर तीव्र गति से आगे बढ़ रही है. अगर आज के समय कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी की बात की जाएं तो उनका बड़ा योगदान है. गृहकार्य करने के साथ -साथ महिलाएं अब खेती के लिए भी ज्यादा श्रम कर रही है. चार दीवारी के अंदर रहने वाली महिलाएं भी घरों से बाहर निकल कर अब कृषि क्षेत्र में अपने पैर पसार रही है और फसल तैयार होने से लेकर उसके भंडारण और रखरखाव से लेकर मार्केटिंग के क्षेत्र का भी पूरा ज्ञान प्राप्त कर एक सफल महिला किसान बन रही है.
इसी के मद्देनजर कृषि क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी आगे बढ़ाने के लिए केंद व राज्य सरकारें भी विभिन्न योजनाएं ला रही है. 7 मार्च को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बृहस्पितवार को कहा कि सरकार ने महिलाओं को कृषि मुख्यधारा में लाने के लिये विभिन्न योजनाओं के तहत 30 प्रतिशत से अधिक कोष आवंटित किया है. उन्होंने आगे कहा कि किसानों की आमदनी को 2022 तक दुगनी करने के लिए महिलाओं की कृषि क्षेत्र में भूमिका और उनके द्वारा दिए योगदान पर विशेष जोर दिया जा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सफल करने के लिए कई योजनाएं लाई गई है. जिसमें कृषि से संबंधित विभिन्न तरह की लाभकारी कार्यक्रम, योजनाओं का लाभ महिला किसानों को मिल सके.
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