रबी सीजन 2022 के पहले 45 दिनों में रबी फसलों का बुवाई क्षेत्र में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बुवाई के संबंध में ये रकबा पिछले सीजन की इस अवधि तक कई अधिक है. हालांकि किसानों को बीज, खाद की समय पर उपलब्धता और फसलों के अनुकूल को मौसम इस फसल सीजन में गेहूं, सरसों और चना के वास्तविक उत्पादन का निर्धारण करेंगे.
18 नवंबर तक जारी सरकारी आंकड़ों की मानें तो अब तक देश में रबी फसलों की बुवाई रकबा 268 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है.
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गेहूं की बुवाई का रकबा 15 प्रतिशत बढ़कर 101.49 लाख हेक्टेयर हो गया है, हालांकि मौजूदा सीजन में दलहनी फसलों का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में घटा है. रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च अप्रैल तक होती है. गेहूं और चना के अलावा सरसों की बुवाई का रकबा भी पिछले वर्ष की इस अवधि तक बढ़ा है.
नवीनत बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, इस रबी सीजन के 18 नवंबर तक101.49 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 88.46 लाख हेक्टेयर थी. आंकड़ों से पता चला है कि पंजाब (7.18 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (4.24 लाख हेक्टेयर), उत्तर प्रदेश (2.59 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र(1.05 लाख हेक्टेयर) और गुजरात (0.67 लाख हेक्टेयर) में गेहूं का रकबा पिछले रबी सीजन की अपेक्षा बढ़ा है.
हालांकि, दलहन की बुवाई का रकबा इस रबी सीजन में अब तक 73.25 लाख हेक्टेयर कम रहा, जो एक साल पहले की अवधि में 76.08 लाख हेक्टेयर था. दलहन में चना की बुवाई 52.57 लाख हेक्टेयर में की गई है. जबकि पिछले सीजन की इस अवधि तक 52.83 लाख हेक्टेयर में चना की बुवाई की गई थी.
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तिलहन के मामले में, लगभग 66.81 लाख हेक्टेयर रकबे में छह प्रकार के तिलहन बोए गए हैं. जो एक साल पहले की अवधि में 59.22 लाख हेक्टेयर से अधिक है.
18 नवंबर तक जारी आंकड़ों में इस रबी सीजन में अब तक 268.80 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई गई हैं. जो एक साल पहले की इस अवधि में 250.76 लाख हेक्टेयर था.
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