
आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के फलों एवं बागवानी प्रौद्योगिकी प्रभाग के एमबी-7 फील्ड में पूसा मैंगो फील्ड डे का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देश के पांच राज्यों—पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश—से आए किसानों, वैज्ञानिकों, शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया. यह आयोजन आईएआरआई के आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य संस्थान द्वारा विकसित उन्नत आम की किस्मों को बढ़ावा देना है.
कार्यक्रम का नेतृत्व संस्थान के निदेशक और कुलपति डॉ. चिन्ना श्रीनिवास राव ने किया. उन्होंने उन्नत किस्मों की खेती तकनीक, बाजार में मांग और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके प्रचार-प्रसार पर चर्चा की. किसानों और लाइसेंसधारकों की प्रतिक्रिया के आधार पर उन्होंने पौधों की संख्या बढ़ाने और आमों की ब्रांडिंग को लेकर कई सुझाव भी दिए.
संस्थान के अनुसंधान निदेशक डॉ. विश्वनाथन चिन्नुस्वामी ने आउटरीच कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि इस पहल से सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ेगा, जिससे गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ेगी.
कार्यक्रम की शुरुआत में फलों और बागवानी प्रौद्योगिकी प्रभाग के प्रमुख डॉ. ओ.पी. अवस्थी ने उपस्थित अतिथियों और किसानों का स्वागत किया और आम की किस्मों में हुई प्रगति की जानकारी दी.

डॉ. जय प्रकाश, जो कि आम परियोजना के प्रधान वैज्ञानिक हैं, उन्होंने आईएआरआई द्वारा विकसित उन्नत किस्मों जैसे अमरपाली, मल्लिका, पूसा अरुणिमा, पूसा प्रतिभा, पूसा सूर्य, पूसा पीताम्बर और पूसा लालिमा की विशेषताओं की जानकारी दी. ये किस्में हाई डेंसिटी प्लांटिंग के लिए उपयुक्त हैं और अधिक पैदावार व मुनाफा देने में सक्षम हैं.

किसानों ने इन किस्मों को अपनाने में गहरी रुचि दिखाई. उनकी मांग को देखते हुए डॉ. राव ने आमों की पैकेजिंग और डिलीवरी के लिए विशेष कूरियर सेवा शुरू करने का सुझाव दिया, जिससे उपभोक्ताओं तक बेहतर गुणवत्ता के फल सीधे पहुंच सकें. साथ ही, निर्यात बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और एपीडा के साथ साझेदारी की योजना भी साझा की गई.

कार्यक्रम के दौरान शिक्षण सामग्री और मल्टीमीडिया प्रचार के माध्यम से जानकारी को प्रभावी ढंग से साझा किया गया. डॉ. राव ने यह भी सुझाव दिया कि जो किसान इन किस्मों को अपना रहे हैं, उनकी सफलता की कहानियों को डिजिटल माध्यमों से प्रसारित किया जाए, जिससे अन्य किसान भी प्रेरित हो सकें.
आईएआरआई जल्द ही एक तकनीकी बुलेटिन जारी करेगा, जिसमें अनुसंधान आधारित सुझावों के साथ व्यावहारिक खेती की जानकारी दी जाएगी. साथ ही, अगले साल नेशनल मैंगो डे का आयोजन जून 2026 में करने की घोषणा भी की गई.
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