कृषि विज्ञान केंद्र: कृषि विज्ञान केंद्र विभिन्न विषयों पर प्राय: व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित कराता रहता है. इसका उद्देश्य बेरोजगारी की समस्या को कम करना और परिवार की आय में वृद्धि करना है. इसी कड़ी में केवीके भंटिंडा ने महिलाओं के लिए एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन किया.
कृषि विज्ञान केंद्र, भंटिंडा द्वारा विभिन्न पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों से कपड़े सजाकर मूल्य वृद्धि पर दस दिवसीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन दिनांक 17 अप्रैल से 2 मई तक किया गया. इसमें सेखू, चनलथल, बीर-बहमन, झुनीर, घसोखाना, नहियांवाला, चुघे कलां, जैतो, जस्सी पौ वाली, पक्का कलां, बप्पियाना और गतवाली के गांव की महिलाओं ने भाग लिया.
इस कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. जसविंदर कौर बराड़ ने कहा, इस व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सिलाई, कढ़ाई, पेंटिंग, टाई-डाई आदि विभिन्न तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. इन तकनीकों का उपयोग कर महिलाएं घर बैठे ही अपनी आय का स्त्रोत बढ़ा सकती हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र के उप निदेशक डॉ. गुरदीप सिंह सिद्धू ने प्रशिक्षण के दौरान अपने संबोधन में इस प्रशिक्षण को एक पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि इस व्यावसायिक प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को विशिष्ट व्यवसायों के बारे में जानकारी देकर अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सक्षम बनाना है.
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कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि विशेषज्ञों और विभागीय प्रतिनिधियों को नियुक्त करती है. किसानों की सहायता के लिए प्रत्येक राज्य के प्रत्येक जिले में एक कृषि विज्ञान केंद्र होता है. यहां किसानों को खेती में उत्पन्न होने वाली किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए कृषि विशेषज्ञ मौजूद होते हैं. किसानों के लिए, कृषि विज्ञान केंद्र एक सूचना केंद्र के रूप में कार्य करता है. किसान इसके माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों और कृषि पेशेवरों से खेती के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं.
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