साल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव की आहट शुरू होते ही राज्य सरकार ने अपने दाव-पेच चलाना शुरू कर दिया है. इस समय पंजाब में चन्नी सरकार है, जिसने किसानों को खुश करने के लिए बड़ा ऐलान किया है. जी हां, इस जनवरी गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किए लोगों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
इस बात की पुष्टि चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट कर की है. इस ट्वीट में बताया गया है कि 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली की हिंसा के दौरान 83 आरोपियों की आर्थिक मदद करेगी. बता दें कि चन्नी सरकार ने हर आरोपी को 2-2 लाख रुपए देने का ऐलान किया है. चन्नी के इस कदम से केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच नए जंग की शुरुआत भी हो सकती है, क्योंकि चुनावों के दौरान राजनीतिक आग अपने चरम पर भड़की रहती है.
बॉर्डर पर सबसे ज्यादा पंजाब-हरयाणा के किसान (Punjab-Haryana farmers have the most on the border)
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान एक साल से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें अधिकतर पंजाब और हरियाणा से हैं.
केंद्र सरकार जहां कानून में बदलाव को राजी है, तो किसान तीनों कानूनों को खत्म करते हुए एमएसपी पर कानून लाने की मांग कर रहे हैं. कई दौर की बातचीत के बाद फिलहाल दोनों पक्षों में बातचीत लंबे समय से बंद है.
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किसानों के हित के लिए आगे आएगी चन्नी सरकार (Channi government will come forward for the benefit of farmers)
सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों का समर्थन करती रही है. राज्य को लगता है कि तीन कानून उनके किसानों के लिए उपयोगी नहीं हैं. राज्य विधानसभा में प्रस्तावों के साथ आगे बढ़े हैं, जिन्हें एक राज्य कानून बनाया जा सकता है, जो केंद्रीय कानूनों के प्रभावों को नकार देगा.
पंजाब सरकार का आरोप है कि कृषि उपज विपणन समितियां या मंडियां निजी मंडियां बन जाएंगी, जिससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान होगा.
इसके साथ ही ग्रामीण विकास को नुकसान होगा. हालांकि, केंद्र ने कहा है कि नए कानून किसानों के लिए अच्छे हैं क्योंकि उन्होंने बिचौलियों को खत्म कर दिया है.
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