
राज्य सरकार ने बाढ़ में हुई फसलों की बर्बादी के कारण गिरदावरी की घोषणा की थी, जिसके तहत यह लक्ष्य तय किया गया था कि 45 दिनों में हुए नुकसान का मुआवज़ा मुहैया कराया जाएगा. लेकिन पंजाब सरकार ने रिकॉर्ड बनाते हुए केवल 30 दिनों के भीतर किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ मुआवज़ा देना शुरू कर दिया है. यह कदम किसानों के लिए यह राहत की बड़ी खबर है.
घरों और मवेशियों के नुकसान का मुआवज़ा
राज्य सरकार ने फसलों के साथ-साथ घरों के नुकसान का भी सर्वे किया, जिसमें लगभग 30,806 घरों की स्थिति का आकलन किया गया. पहले आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए ₹6,500 का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर ₹40,000 कर दिया गया है. जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया, उन्हें सरकार ने ₹4 लाख तक की सहायता राशि प्रदान की. इसके साथ ही मवेशियों और पोल्ट्री के नुकसान का भी मुआवज़ा तय किया गया है, ताकि कोई भी परिवार संकट में अकेला न रहे.
45 दिनों का लक्ष्य, 30 दिनों में पूरा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गिरदावरी की घोषणा की थी, जिसके तहत सरकार का लक्ष्य था कि 45 दिनों के अंदर सर्वे कर राहत राशि का वितरण किया जाएगा. लेकिन डिजिटल प्रणाली की वजह से यह लक्ष्य सिर्फ 30 दिन में ही पूरा कर लिया गया. अजनाला क्षेत्र के 52 गांवों में करीब ₹5 करोड़ की मुआवज़ा राशि किसानों और बाढ़ प्रभावित परिवारों के खातों में सीधे ट्रांसफर कर दी गई है. राज्य के 2,508 गांवों में बाढ़ से फसलों के नुकसान से लगभग 3.5 लाख एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई है. किसानों को ₹20,000 प्रति एकड़ की दर से मुआवज़ा देकर सरकार ने राहत राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए उनके खातों में भेज दी.
‘मिशन चढ़दीकला’
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब का किसान कभी अकेला नहीं रहेगा. जब भी किसी किसान पर आपदा आएगी, सरकार उसके साथ खड़ी मिलेगी. ‘मिशन चढ़दीकला’ के तहत बाढ़ प्रभावित इलाकों में सरकार पूरा सहयोग करेगी, किसानों को आर्थिक सहायता देगी, और उनके जीवन को फिर से पटरी पर लाने के लिए काम करेगी.
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