भारत में यूरिया का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किसानों के द्वारा किया जाता है. किसानों द्वारा यूरिया के इस्तेमाल को देखते हुए और आयात को कम करने को देखते हुए इस बार देश में यूरिया का उत्पादन बढाया जा सकता है. चालू वित्त वर्ष 2018-19 में यूरिया खाद का उत्पादन 1.6 फीसदी बढ़कर 244 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 240.2 लाख टन का ही हुआ था।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में थोड़ी गिरावट आई थी, जबकि कुछ इकाईयां अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही थी। चालू वित्त वर्ष में सभी इकाइयों में उत्पादन बराबर हो रहा है इसलिए चालू वित्त वर्ष 2018-19 में यूरिया का उत्पादन बढ़कर 244 लाख टन होने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2017-18 में यूरिया खाद का आयात बढ़कर 59.75 लाख टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में इसका आयात 54.81 लाख टन का ही हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2018-19 में उत्पादन में बढ़ोतरी से यूरिया के आयात में कमी आने की आशंका है।
मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान यूरिया खाद का आयात बढ़कर 21.41 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका आयात 17.04 लाख टन का ही हुआ था।
उर्वरकों के संतुलित उपयोग को सुनिश्चित करने और यूरिया की खपत को कम करने के लिए, केंद्र सरकार ने घरेलू और आयातित यूरिया को नीम लेपित करना अनिवार्य कर रखा है। इसके अलावा कंपिनयों को यूरिया की भर्ती 50 किलो के बजाए 45 किलो करने के निर्देश भी जारी कर रखे हैं।
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