फैस्टीवल सीजन में सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि थोक मंडियों में बढ़ौतरी नाममात्र की है लेकिन खुले बाजारों में कई सब्जियों के दाम 25 से 35 रुपए तक बढ़ चुके हैं। आम लोग इस बढ़ौतरी से परेशान हैं। आजादपुर मंडी के थोक व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों के दाम में प्रति किलो 2 से 3 रुपए की ही बढ़ौतरी हुई है। लोकल सब्जी व्यापारियों के मनमाने रेट वसूलने से लोगों का बजट बिगड़ गया है।
लोगों का कहना है कि हरी सब्जियां महंगी होने से आलू का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है। इससे बच्चों को जरूरी विटामिन और पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं। फैस्टीवल सीजन का नाजायज फायदा उठा रहे सब्जी विक्रेताओं पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। उनका कहना है कि थोक सब्जी मंडियों की तरह लोकल बाजारों में भी सब्जियों की कीमतें तय करनी चाहिएं। आजादपुर मंडी वैजीटेबल ट्रेडर्स एसोसिशन के महासचिव अनिल मल्होत्रा ने बताया कि अभी सब्जियों का सीजन है। सब्जियों के दामों में कोई खास इजाफा नहीं है। हरी सब्जियां सस्ती हैं। छोटे व्यापारियों का कहना है कि इस सीजन में रेहड़ी-पटरी लगाने के ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं। लोगों का कहना है कि हर फैस्टीवल सीजन में सब्जियों और फलों के दाम बढ़ाने का एक ट्रैंड चल पड़ा है। इस पर नजर रखने के लिए संबंधित विभाग को आगे आने की जरूरत है।
दाम बढ़ने के ट्रेंड के कारण बढ़ रहे सब्जियों के दाम
फैस्टीवल सीजन में सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। हालांकि थोक मंडियों में बढ़ौतरी नाममात्र की है लेकिन खुले बाजारों में कई सब्जियों के दाम 25 से 35 रुपए तक बढ़ चुके हैं। आम लोग इस बढ़ौतरी से परेशान हैं। आजादपुर मंडी के थोक व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों के दाम में प्रति किलो 2 से 3 रुपए की ही बढ़ौतरी हुई है। लोकल सब्जी व्यापारियों के मनमाने रेट वसूलने से लोगों का बजट बिगड़ गया है।
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