देश में बढ़ते वीआइपी कल्चर पर रोक लगाते हुए मोदी सरकार ने मई, 2017 से सभी नेताओं, जजों तथा सरकारी अफसरों की गाडि़यों से लाल बत्ती हटाने का निर्णय लिया था. इनमें राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, राज्यों के मुख्यमंत्री व मंत्री तथा सभी सरकारी अफसरों के वाहन शामिल हैं. अब केवल एंबुलेंस, फायर सर्विस जैसी आपात सेवाओं तथा पुलिस व सेना के अधिकारियों के वाहनों पर नीली बत्ती लगती है. केंद्र सरकार का यह फैसला देश में 1 मई से लागू हुआ था. अब इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है.
दरअसल हरियाणा में अब किसी भी वाहन पर कोई वीआईपी पहचान दिखी, तो उसका चालान कटेगा. हरियाणा सरकार ने इस संदर्भ में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को प्रदेश में भी लागू करने का फैसला लिया है. इस संदर्भ में हरियाणा मुख्य सचिव कार्यालय ने एक सर्कुलर हरियाणा के सभी सरकारी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, सभी विभागों के मुखिया, सभी रेंज आयुक्तों, सभी बोर्ड, निगमों के चेयरमैन एवं एमडी, जिला उपायुक्तों व एसडीएम को जारी कर दिया है.
बता दे कि इस सर्कुलर में हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि 24 जनवरी को उच्च न्यायलय ने वाहनों पर वीआईपी सिंबल लगाने के संबंध में एक आदेश जारी किया था. इन आदेशों में कहा गया था कि चंडीगढ़ में कोई भी वाहन वीआईपी सिंबल या प्रतीक के साथ सड़कों पर नहीं दौड़ेगा. ये वीआईपी सिंबल वाहनों पर झंडियों, स्टीकर व अंकित शब्दों के रूप में हो सकते हैं. गौरतलब है कि चंडीगढ़ पुलिस ने हाईकोर्ट के इन आदेशों को 72 घंटों में लागू कर दिया था. हरियाणा सरकार अब इसी आदेश को प्रदेशभर में भी लागू करना चाहती है. जिसके संदर्भ में हरियाणा मुख्य सचिव कार्यालय ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर तुरंत प्रभाव से इन आदेशों को प्रदेश में भी लागू करने को कहा है.
कौन से वीआईपी सिंबल अब नहीं चलेंगे
हरियाणा की सड़कों पर दौड़ने वाले किसी भी वाहन को अब अलग-अलग वीआईपी सिंबल जैसे प्रेस, आर्मी, पुलिस, सरकारी विभाग व अफसर का पद व नाम, कोर्ट, एयरपोर्ट, नेवी, चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, पार्षद, मेयर इत्यादि लिखकर या अंकित करवाकर चलने की अनुमति नहीं होगी. किसी तरह की झंडी भी वाहनों पर नहीं लगेगी.
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