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सुंदरवन की महिलाओं की तैयार खाद्य सामग्री की ऑनलाइन होगी बिक्री

कोरोना संक्रमण के दौरान सभी तरह के व्यापार धंधे प्रभावित हुए हैं. संगठित क्षेत्र के प्रतिष्ठानों का उत्पाद हो या ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार सामग्री, सभी की बिक्री लगभग थम सी गई है. लेकिन संकट के दौर में भी कोई न कोई रास्ता तो निकल ही जाता है. इसी तरह सुंदरवन वन की 5 हजार महिला सदस्यों वाली दूध सहकारी समिति ने अपने तैयार उत्पाद को बिक्री करने के लिए नया तरीका निकाल लिया है. सुंदरी ब्रांड से तैयार खाद्य सामग्री अब एक क्लीक में लोगों के घर तक पहुंच जाएगी.

अनवर हुसैन

कोरोना संक्रमण के दौरान सभी तरह के व्यापार धंधे प्रभावित हुए हैं. संगठित क्षेत्र के प्रतिष्ठानों का उत्पाद हो या ग्रामीण क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार सामग्री, सभी की बिक्री लगभग थम सी गई है. लेकिन संकट के दौर में भी कोई न कोई रास्ता तो निकल ही जाता है. इसी तरह सुंदरवन वन की 5 हजार महिला सदस्यों वाली दूध सहकारी समिति ने अपने तैयार उत्पाद को बिक्री करने के लिए नया तरीका निकाल लिया है. सुंदरी ब्रांड से तैयार खाद्य सामग्री अब एक क्लीक में लोगों के घर तक पहुंच जाएगी.

दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक, मधु से लेकर कृषि उत्पाद और सुंदरवन के मछली तक की मांग कोलकाता की बाजारों में हमेशा बनी रहती है. 2015 में सुंदरवन क्षेत्र के 5 हजार महिलाओं को लेकर दूध सहकारी समिति तैयार की गई. समिति से जुड़ी महिला सदस्यों द्वारा तैयार खाद्य सामग्री की धड़ल्ले से बिक्री होती थी. कोलकाता के बाजारों में समिति द्वारा तैयार कृषि उत्पाद की मांग इसलिए ज्यादा रहती है कि उसमें जैविक उपज की मात्रा ज्यादा होती है. लेकिन लॉकडाउन के कारण पिछले तीन चार-माह में सुंदरनवन से भी कृषि उत्पाद की आपूर्ति लगभग ठप हो गई है. इस कारण सुंदरवन के किसानों से लेकर मछली उत्पादक और पशु पालकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. स्वयं सहायाता समूह और सहकारी समिति की महिला संचालित कृषि कारोबार पर भी समान रूप से असर पड़ा है. लेकिन अब महिला संचालित कृषि कारोबार को संकट से उबारने के लिए जिला प्रशासन ने सहयोग का हाथ बढ़ाया है.

दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन के सहयोग से सुंदरवन की दूध सहाकारी समिति के लिए मोबाइल ऐप तैयार किया गया है. सुंदरी नाम से तैयार मोबाइल ऐप से कोई भी खाद्य सामग्री के लिए घर बैठे आर्डर कर सकता है. मोबाइल ऐप से आर्डर करने पर खाद्य सामग्री सीधे उपभोक्ता के घर पहुंचा दी जाएगी. दक्षिण 24 परगना के जिलाधिकारी पी उलगुनाथन ने मंगलवार को सुंदरी नामक ऐप का उद्घाटन किया. महिला संचालित कृषि आधारित कारोबार को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन सुंदरी ब्रांड से मोबाइल ऐप की मार्किटिंग में भी मदद कर रहा है. जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि दूध सहकारी समिति से जुड़ी 5 हजार महिलाएं जो कृषि उत्पाद तैयार करती हैं वह 100 प्रतिशत जैविक होता है.

जैविक कृषि उपज के नाम सुनकर स्थानीय लोगों में सुंदरी मोबाइल ऐप से खाद्य सामग्री खरीदने को लेकर रूझान बढ़ेगा. सुंदरी मोबाइल ऐप के जरिए आर्डर करने पर सहकारी समिति से जुड़ी महिलाएं उपभोक्ताओं तक अपना उत्पाद पहुंचा देंगी. इन कृषि उत्पादों में दूध, मधु, अंडा, घी, मक्खन, गोविंदभोग चावल और दाल आदि खाद्य सामग्री शामिल है. जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक महिलाओं द्वारा तैयार जैविक कृषि उपज की पैकेजिंग और आपूर्ति करने के लिए 60 कर्मियों को काम पर लगाया गया है. मोबाइल ऐप से ऑनलाइन खाद्य सामग्री की बिक्री होने पर सहकारी समिति से जुड़ी महिलाओं को प्रति माह 15-20 हजार रुपए की आय होगी. इस तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.

English Summary: Prepared food items of Sundarbans women will be sold online Published on: 12 August 2020, 04:49 PM IST

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