बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. मुरादाबाद में गुरुवार देर रात को सिर्फ बारिश ही नहीं आई, बारिश के साथ आफ़त भी आई जिससे किसानों की फसल तहस-नहस हो गई. सबसे अधिक नुकसान गेहूं, आलू और सरसों की फसल को हुआ है. गेहूं तो मानो औंधे मुंह गर पड़ी है.
गौरतलब है कि गुरुवार पूरी रात बिना रुके मूसलाधार बरसात होती रही, जिससे किसानों की फसलें लबालब पानी में समा गईं. अधिकतर खेतों में कटी हुई सरसों की फसल भी पानी में भीगकर बर्बाद हो गई है. उधर तेज हवाओं ने गेहूं को खेतों में बिछा दिया है.
ध्यान रहे कि राजधानी दिल्ली समेत समूचे उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिला था. कई जगहों पर दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ बरसात और ओलावृष्टि भी हुई थी. राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में तो आसमान से लगातार करीब 2 घंटे तक चने के आकार के ओले गिरे. यहां किसानों को, विशेषकर जौ की फसल लगाने वालों का भारी नुकसान हुआ है.
चरमराई ग्रामीण जीवनशैली
भारी ओलावृष्टि और बारिश के कारण सिर्फ फसलों को ही नुकसान नहीं हुआ है बल्कि ग्रामीण जीवनशैली भी चरमरा गई है. लघु उद्योग बरसात के बाद से लगभग बंद पड़े हैं क्योंकि मिट्टी की सड़कें पानी से तर-बतर हो गई हैं. इस वजह से आवाजाही बिलकुल बंद है. तेज हवाओं के कारण बिजली के तार गिर गए हैं, जिस कारण अधिकतर घरों में बिजली नहीं है.
अभी नहीं टला है संकट
मौसम विभाग की मानें तो अभी भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस रविवार तक 16 मिमी तक की बारिश होने की संभावना बनी हुई है. विशेषकर दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है. इसके साथ ही नोएडा, दादरी, हापुड़, मोदीनगर, गाजियाबाद में भी बरसात की संभावना है. हरियाणा में भी कई जगहों पर बारिश हो सकती है.
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