लगभग दो माह तक लॉकडाउन चलने के कारण निजी संगठित-असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले बहुत से लोगों की नौकरी चली गई है। बहुत से कर्मियों के वेतन में कटौती कर दी गई तो कुछ संस्थानों में वेतन देने में विलंब होने की खबरें मिल रही है। ऐसी स्थिती में संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) के तहत राहत प्रदान करने के लिए कारगर उपाय किए हैं। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को जहां मुफ्त राशन देने तथा जनधन खाता धारकों को सीधे उनके बैंक खाता में तीन माह तक 500 रपए देने की व्यवस्था की गई है वहीं संगठित क्षेत्र के कर्मियों को पीएफ से तीन माह के वेतन के बराबर रुपए निकालने की छूट दी है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रथम चरण के लॉकडाउन शुरू होने पर 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इस योजना के तहत आर्थिक समस्या से जूझने वाले पीएफ खाता धारकों को भी पैसा निकालने की छूट दी गई। वैसे तो यह योजना कम आय वाले लोगों को आर्थिक सुविधा देने को ध्यान में रखकर की गई लेकिन इसमें कोई भी पीएफ खाताधारकों को तीन माह के वेतन के बराबर पैसा निकालने का विकल्प भी खोल दिया गया। इस योजना के तहत संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मी अपने पीएफ अकाउंट से तीन माह के वेतन या 75 प्रतिशत राशि में जो कम हो, की निकासी कर सकते हैं। श्रम मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अब तक विभिन्न संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों ने ईपीएफ से 11540 करोड़ राशि की निकासी की है। इसमें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 15.54 लाख सदस्यों ने 8580 करोड़ रुपए है निकाले हैं। इनमें अधिकांश कर्मियों का वेतन 15 हजार रुपए है। 50 हजार रुपए या इससे अधिक वेतन पाने वाले कर्मियों ने भी लॉकडाउन के दौरान अपने पीएफ अकाउंट से रुपए निकाले है लेकिन इनकी संख्या 2 प्रतिशत तक सीमित है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत कोविड-19 के आधार पर निकासी का दावा करने वाले सदस्यों को भुगतान करने की प्रक्रिया और सहज करने में जुटा है।
उल्लेखनीय है कि बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की उसमें भी 15 हजार रुपए वेतन पाने वालों की राहत का ध्यान रखा गया। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर विस्तार से जानाकारी देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार तीन महीने तक कंपनी और कर्माचारियों की ओर से 12-12 प्रतिशत की राशि अपनी ओर से जमा करेगी। इससे 80 लाख से अधिक कंर्मचारी और पीएफ की सुविधा देने वाले 4 लाख से अधिक वाणिज्यिक संस्थान लाभान्वित होंगे। सरकार को इसपर 4800 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। केंद्र सरकार 15 हजार रुपए वेतन पाने वाले कर्मचारियों और छोटे व मध्यम दर्ज के व्यवसायिक संगठनो की ओर से पीएम खाते में 12 प्रतिशत करके जो राशि अंशदान करेगी वह भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ही खर्च होगी।
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