प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अगस्त, 2024 (रविवार) के दिन किसानों को बड़ा तोहफा दिया. दरअसल, पीएम मोदी ने नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में फसलों की 109 उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-प्रतिबलित किस्मों को जारी किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों और वैज्ञानिकों से परस्पर बातचीत भी की. इन नई फसल किस्मों के महत्व पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर बल दिया. किसानों ने कहा कि ये नई किस्में अत्यधिक लाभकारी होंगी क्योंकि इनसे उनका व्यय कम होगा और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों के महत्व पर चर्चा की और इस बात को रेखांकित किया कि कैसे लोग पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने प्राकृतिक खेती/Natural Farming के लाभों और जैविक खेती/Organic Farming के प्रति आम लोगों के बढ़ते विश्वास के बारे में भी बात की, उन्होंने कहा कि लोगों ने जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन और मांग करना शुरू कर दिया है. किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की.
पीएम ने नई किस्मों के विकास के लिए वैज्ञानिकों को सराहा
किसानों ने जागरूकता पैदा करने में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की. प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि केवीके को हर महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभों के बारे में किसानों को सक्रिय रूप से सूचित करना चाहिए ताकि उनके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके.
प्रधानमंत्री ने इन नई फसल किस्मों के विकास के लिए वैज्ञानिकों की भी सराहना की. वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप काम कर रहे हैं, ताकि अप्रयुक्त फसलों को मुख्यधारा में लाया जा सके.
इन फसलों की गई किस्में जारी
प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 प्रक्षेत्र फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं. प्रक्षेत्र फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य संभावित फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए गए. बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की गईं.
वही, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा "अनाज में चावल, गेहूं , जौ, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, छीना और सांबा को ऐतिहासिक किस्में हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जारी की गई नई किस्मों से किसान प्रतिकूल मौसम में भी अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं.
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