संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में "प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) का कार्यान्वयन" से संबंधित संसद सदस्यों के सवालों के जवाब देते हुए केंद्र सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया. भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2014 से अब तक किसानों की समृद्धि और खुशहाली के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं.
MSP में तीन गुना वृद्धि: किसानों के लिए बड़ा कदम
संसद में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने बताया कि 2014 से पहले किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बेहद कम मिलता था. बाजरे की MSP, जो 2014 में मात्र ₹1225 थी, आज बढ़कर ₹2625 हो चुकी है. इसी प्रकार, अन्य फसलों के MSP में भी ऐतिहासिक वृद्धि की गई है. यह केंद्र सरकार की किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनकी आय को दोगुना करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
कृषि क्षेत्र में विपक्ष की विफलताएँ कांग्रेस सहित विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि 60 वर्षों तक केंद्र और राज्यों में सत्ता में रहने के बावजूद विपक्षी दलों ने किसानों के हितों पर ध्यान नहीं दिया. किसानों को बरगलाने और झूठे वादों के सिवाय विपक्ष ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए. इसके विपरीत, वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल में किसानों के लिए ठोस योजनाएँ लागू कर उन्हें धोखे से बचाने और आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का सीधा लाभ
संसद में सवालों के जवाब देते हुए कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के माध्यम से, सरकार किसानों को प्रत्यक्ष लाभ पहुंचा रही है. अब तक, इस योजना के तहत करोड़ों किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा चुकी है. यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और उनकी उत्पादन लागत को कम करने के लिए मील का पत्थर साबित हुई है.
किसानों के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने बताया कि कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की भलाई के लिए केंद्र सरकार न केवल MSP बढ़ा रही है, बल्कि उचित दाम पर किसानों की फसल खरीदने का भी काम कर रही है. यह सुनिश्चित किया गया है कि किसान बिचौलियों और शोषण से बचें और उन्हें उनकी मेहनत का सही मूल्य मिले.
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