पूसा के नाज कंपलेक्स में गुरुवार को ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा समीक्षा समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें पंचायत राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटील ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस बैठक में देश के सभी राज्यों के ग्रामीण विकास अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में ग्रामीण विकास के तहत चल रही योजनाओं को लेकर समीक्षा की गई साथ ही राज्यों को निर्देश दिए गए कि अपने-अपने क्षेत्र में प्रत्येक योजना के तहत पारदर्शिता बरतें. इस मौके पर नागेंद्र नाथ सिन्हा सचिव ग्रामीण विकास मंत्रालय बैठक में वर्चुअल रूप से जुड़े और उन्होंने सभी राज्यों को हिदायत दी कि ग्राम पंचायतों में योजनाओं के अंतर्गत ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी को बनाए रखें.
मनरेगा (MANREGA) को लेकर मिल रही शिकायतों पर ध्यान दें, ताकि हमारे कार्यक्रमों में पारदर्शिता के चलते उन शिकायतों का निवारण किया जा सके. उन्होंने कहा कि हमारे 737 जिलों में लोकपाल की नियुक्ति की जा रही है जबकि अब तक मात्र 486 जिलों में लोकपाल नियुक्त किए गए हैं . उन्होंने राज्यों को निर्देश दिए कि सभी राज्य से तरफ तेजी दिखाए और जल्द से जल्द लोकपाल के पदों पर नियुक्ति की जाए.
इस अवसर पर राज्य मंत्री पंचायत राज्य कपिल मोरेश्वर पाटील ने कहा कि हम लोग आपके ऊपर निर्भर हैं आप लोगों को सतर्कता से और सक्रियता से ग्रामीण विकास योजना को आगे बढ़ाना है ताकि लोगों की समस्याओं का निवारण समय पर हो सके और ग्रामीण क्षेत्र के विकास में हम आगे बढ़ सके.
मोरेश्वर पाटील ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर लोगों को सुविधाएं दी जाएं, ग्रामीण विकास के लिए ही रोजगार संसाधन व सड़क की सुविधा पूर्ण रूप से मिलनी चाहिए, ताकि लोगों को गांव में रहकर ही सारी सुविधा मिल सके और लोगों को अपना गांव न छोड़ना पड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सपना है 2047 तक देश का अमृत समय आएगा उसके लिए आप सभी का योगदान बहुत जरूरी है.
मोरेश्वर पाटील ने कहा कि गांव की उन्नति से ही देश की उन्नति है और सभी राज्यों को अपने गांव में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को प्रमोट करना चाहिए ताकि उनके जरिए गांव में रोजगार विकसित हो सके और लोगों को बाहरी शहर में भटकना न पड़े, अपने विकास को लेकर वह खुद ही आगे बढ़े उन्हें जिसके लिए उन्हें समर्थन मिलता रहे.
सभी राज्य नीति आयोग की तर्ज पर अपने-अपने जिलों का सीमांकन करें जो बिना पढ़े हुए हैं. उन पर काम करें, नीति आयोग में लगभग 112 जिलों को चयनित किया और उन्हें आगे बढ़ाया इसी तरह आप भी अपने पिछड़े हुए जिलों का सीमांकन करें और उन्हें आगे बढ़ाएं. राज्य अपने संसाधनों के माध्यम से ही विकास कर सकता है बस दृढ़ निश्चय और संकल्प लेने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने को पूरा करने के लिए 2047 तक हम सभी को एकजुटता के साथ काम करना है. अपने राज्य में ग्रामीण स्तर पर विकास की एक गाथा लिखनी है.
मोरेश्वर पाटील ने कहा कि गांव की उन्नति से ही देश की उन्नति है और सभी राज्यों को अपने गांव में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को प्रमोट करना चाहिए ताकि उनके जरिए गांव में रोजगार विकसित हो सके और लोगों को बाहरी शहर में भटकना न पड़े, अपने विकास को लेकर वह खुद ही आगे बढ़े उन्हें जिसके लिए उन्हें समर्थन मिलता रहे. सभी राज्य नीति आयोग की तर्ज पर अपने-अपने जिलों का सीमांकन करें जो बिना पढ़े हुए हैं. उन पर काम करें, नीति आयोग में लगभग 112 जिलों को चयनित किया और उन्हें आगे बढ़ाया इसी तरह आप भी अपने पिछड़े हुए जिलों का सीमांकन करें और उन्हें आगे बढ़ाएं. राज्य अपने संसाधनों के माध्यम से ही विकास कर सकता है बस दृढ़ निश्चय और संकल्प लेने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सपने को पूरा करने के लिए 2047 तक हम सभी को एकजुटता के साथ काम करना है. अपने राज्य में ग्रामीण स्तर पर विकास की एक गाथा लिखनी है.
इसके साथ ही साध्वी निरंजन ज्योति, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री और नागेंद्र नाथ सिन्हा, सचिव ग्रामीण विकास मंत्राल ने भी संबोधन में ग्रामीण विकास के मुख्य पहलुओं पर अपने विचार साझा किए.
इस बैठक में मध्य प्रदेश, लद्दाख, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार, छत्तीसगढ़ कर्नाटक, मणिपुर, लक्ष्यदीप, चंडीगढ़, पुडुचेरी, हरियाणा, दिल्ली, अंडमान निकोबार, आंध्र प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, सिक्किम, तेलंगाना, राजस्थान, त्रिपुरा, असम,केरला, ओड़िशा, वेस्ट बंगाल,हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, दमन और दिउ व पंजाब सहित अन्य राज्यों ने हिस्सा लिया.
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