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पंतनगर के कुलपति ने टपक सिंचाई की सराहना की

पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति, डा.जे. कुमार द्वारा विश्वविद्यालय फार्म क्षेत्र का निरीक्षण किया गया, जिसमें फार्म के ‘एच’ खण्ड में लगे गेहूँ में ड्रिप इरीगेशन पद्धति का विषेष रूप से अवलोकन किया। मुख्य महाप्रबन्धक फार्म, डा. ए.के. भारद्वाज, ने कुलपति को अवगत कराया कि धान-गेहूँ फसल चक्र में ड्रिप इरीगेशन प्रदर्शन जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड, जलगांव, के सहयोग से विगत 3-4 वर्षों से हो रहा है तथा इस विधि के द्वारा धान में लगभग 60 से 75 प्रतिशत पानी की बचत तथा गेहूँ में 25 प्रतिशत पानी की बचत के साथ-साथ उर्वरक उपयोग की क्षमता एवं उत्पादकता में वृद्धि होती है।

पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति,  डा.जे. कुमार द्वारा विश्वविद्यालय फार्म क्षेत्र का निरीक्षण किया गया, जिसमें फार्म के ‘एच’ खण्ड में लगे गेहूँ में ड्रिप इरीगेशन पद्धति का विषेष रूप से अवलोकन किया। मुख्य महाप्रबन्धक फार्म, डा. ए.के. भारद्वाज, ने कुलपति को अवगत कराया कि धान-गेहूँ फसल चक्र में ड्रिप इरीगेशन प्रदर्शन जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड, जलगांव, के सहयोग से विगत 3-4 वर्षों से हो रहा है तथा इस विधि के द्वारा धान में लगभग 60 से 75 प्रतिशत पानी की बचत तथा गेहूँ में 25 प्रतिशत  पानी की बचत के साथ-साथ उर्वरक उपयोग की क्षमता एवं उत्पादकता में वृद्धि होती है।

डा. जे. कुमार द्वारा 1 हैक्टेयर खेत पर ड्रिप इरीगेशन सिस्टम को लगाने में आने वाले व्यय के बारे में पूछने पर डा. भारद्वाज ने बताया कि इसमें एक समय में एक से सवा लाख रूपये का खर्चा आता है तथा इस ड्रिप इरीगेशन की आयु 8 से 10 वर्ष के बीच होती है। इस प्रकार 10 वर्ष में, एक वर्ष में 02 फसल उगाने पर, कुल 20 फसलों में प्रति फसल व्यय 5 से 6 हजार रूपये आता है। उन्होंने बताया कि ड्रिप इरीगेशन सिस्टम पर केन्द्रीय सरकार एवं प्रान्तीय सरकार द्वारा 50 से 75 प्रतिषत छूट दी जाती है। इस प्रकार यह पद्धति किसानों के लिए उत्पादकता एवं गुणवत्ता में वृद्धि करने के साथ-साथ किसान को उसकी फसल का अधिक मूल्य दिलाने में सहायक होती है। 

कुलपति ने विश्वविद्यालय फार्म की विभिन्न ईकाईयों का भी निरीक्षण किया। फार्म की हल्दी स्थित कार्यशाला के बारे में उन्होंने प्रबन्धक तकनीकी से विस्तृत जानकारी ली। कार्यशाला में लैथ मशीन पर कार्य कर रहे कर्मचारी से उन्होंने कार्य की पूछताछ की। कुलपति द्वारा ट्रैक्टरों की मरम्मत के बारे में पूछे जाने पर डा. भारद्वाज ने बताया कि कार्यशाला में फार्म के अलावा विश्वविद्यालय की अन्य ईकाईयों के ट्रैक्टर भी मरम्मत हेतु आते हैं तथा विगत वर्ष लगभग 40 ट्रैक्टरों की कार्यशाला में मरम्मत की गयी, जिससे मरम्मत में संतुष्टि के साथ-साथ मरम्मत व्यय में कमी हुई। कुलपति ने फार्म के विभिन्न खण्डों में स्थित लेबरषैडों का निरीक्षण भी किया गया तथा विश्वविद्यालय के निदेषक निर्माण एवं संयंत्र को निर्देषित किया कि इन समस्त लेबरषैडों में अविलम्ब षौचालय का निर्माण कराया जाये, जिससे कि इनमें निवासित श्रमिक एवं उनके परिवार स्वच्छता के साथ-साथ स्वस्थ रह सकें।

भ्रमण के दौरान डा. जे. कुमार ने मुख्य महाप्रबन्धक फार्म से विश्वविद्यालय पर विभिन्न फसलों के बीज उत्पादन एवं गन्ने की आपूर्ति की जानकारी ली। मुख्य महाप्रबन्धक फार्म ने अवगत कराया कि आज तक विश्वविद्यालय फार्म के गन्ने की कटाई कर किच्छा चीनी मिल को लगभग 20 हजार कु. गन्ने की आपूर्ति की जा चुकी है। विश्वविद्यालय फार्म पर 142 है. पर गेहूँ, 40 है. में लाही/सरसों, 10 है. में मसूर तथा 38 है. में गन्ने की बुवाई इस रबी सीजन में की जा चुकी है। विश्वविद्यालय फार्म द्वारा उत्तराखण्ड तराई विकास निगम लि., हल्दी, को लगभग 3700 कुंतल धान के बीज की आपूर्ति की गयी है। डा. भारद्वाज ने कुलपति को अवगत कराया कि इस सीजन में उत्पादकता में वृद्धि होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि फार्म ने 1 अप्रैल 2016 से आज तक लगभग 18.20 करोड़ की आय प्राप्त की जा चुकी है।

इस निरीक्षण में कुलपति के साथ निदेषक निर्माण एवं संयंत्र, डा. एस.एस. गुप्ता; सुरक्षाधिकारी, डा. अरूण चैधरी;  परिसम्पत्ति अधिकारी, श्री सत्येन्द्र सिंह;  प्रबन्धक तकनीकी, इं. आर.के. सिंह; सहायक निदेषक, हल्दी एवं बेनी, श्री प्रेमपाल एवं श्री ए.के. तोमर; सहायक सुरक्षा अधिकारी फार्म, श्री बी.आर. यादव; तथा सहायक सतर्कता अधिकारी फार्म, श्री अभिमन्यु चैबे, के साथ अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

English Summary: Pantnagar Vice Chancellor appreciates drip irrigation Published on: 25 August 2017, 04:36 AM IST

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