नेपाल का एक प्रतिनिधिमंडल ‘कृषि में भारत-नेपाल में नयी साझेदारी’ कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषि विषयों में सहयोग की सम्भावनाओं के तहत पंतनगर विश्वविद्यालय आया। इस प्रतिनिधिमंडल में कृषि मंत्रालय, भूमि प्रबंधन और सहकारी समिति के संयुक्त सचिव, डा. योगेन्द्र कुमार कार्की, एवं वरिष्ठ अर्थशास्त्री, शंकर सपकोटा, नेपाल के वरिष्ठ पादप संरक्षण अधिकारी, कृषि विभाग, होम बहादुर बीके, वरिष्ठ वैज्ञानिक एनएएआरसी (नार्क), डा. टीका बहादुर कार्की और अध्यक्ष, महारानी ज्योधा, स्माल फार्मर कॉपरेटिव लि. झोपा, मीना कुमार धोकाल, उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय में स्थित इन्टरनेशनल स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर में आयोजित हुआ।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति, प्रो. ए.के. मिश्रा, ने कहा कि उत्तराखण्ड और नेपाल जलवायु, कृषि, संस्कृति एवं सामाजिक रूप से समान है और पंतनगर विश्वविद्यालय नेपाल की कृषि के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है, क्योंकि विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना से लेकर अभी तक देश में खाद्यान्न की कमी को पूर्ण किया है और आज हम खाद्यान्न, फलोत्पादन, दुग्ध उत्पादन के साथ-साथ अन्य कृषि संबंधित उत्पाद को आयात करने में सक्षम है। उन्होंने बताया कि देश के किसानों के उत्पाद का अच्छा मूल्य तभी मिल सकता है, जब उसके उत्पाद का मूल्य संवर्धन किया जाए। प्रो. मिश्रा ने बांस की खेती पर जोर देते हुए कहा कि इसकी खेती से किसान भाई अच्छी आय प्राप्त कर सकते है। देश भी बांस की खेती को करने पर जोर दे रहा है और उन्होंने भारत और नेपाल के बीच में अच्छे संबंध बनने की खुशी को जाहिर किया।
नेपाल का प्रतिनिधिमंडल के सदस्य, डा. योगेन्द्र कुमार कार्की, ने पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा व्यवस्था और प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय कृषि, तकनीक, शोध और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। उन्होंने बताया कि नेपाल में खाद्यान्न का उत्पादन आवश्यकता के अनुरूप नहीं हो पाता और इस समस्या का समाधान निशचित ही विश्वविद्यालय के शोधों और तकनीकों से ही संभव हो पाएगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र को एक अच्छा विकल्प बताया जो विश्वविद्यालय में हो रहे शोधों को आसानी से किसानों तक प्रचार प्रसार के माध्यम से पहुंचा रहा है। डा. कार्की ने शिक्षा, शोध और प्रसार को विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण स्तंभ बताया, जिससे देश की कृषि को मजबूती प्राप्त होती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पंतनगर विश्वविद्यालय में आकर उन्हें कृषि के क्षेत्र में बहुत कुछ अच्छा देखने व सीखने को मिलेगा।
इससे पूर्व अधिष्ठाता कृषि, डा. जे. कुमार ने पंतनगर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों, शिक्षा, शोध, प्रचार-प्रसार और बीजों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी। संयुक्त निदेशक प्रसार शिक्षा, डा. डी.सी. डिमरी ने प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों एवं कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किसानों को नये शोध व तकनीकों से रूबरू करा रहा है। कार्यवाहक निदेशक शोध, डा. डी.बी. सिंह, विश्वविद्यालय के द्वारा संचालित अनुसंधान केन्द्रों के शोध कार्यों, उद्देश्यों और उपलब्धियों के बारे में बताया।
कार्यक्रम की शुरूआत में निदेशक संचार, डा. ज्ञानेन्द्र शर्मा ने नेपाली प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी। इसके पश्चात प्रतिनिधि मण्डल ने विश्वविद्यालय के डेयरी व कुक्कुट अनुसंधान केन्द्र व मत्स्य महाविद्यालय की हैचरी का भ्रमण किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिष्ठाता व निदेशक उपस्थित थे।
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