पिछले कुछ समय से कृषि उपज आलू, प्याज व टमाटर के मूल्यों ने उपभोक्ताओं और सरकार को समय-समय पर परेशानी में डाल रखा है। इन सभी के दामों में उथल-पुथल होने के आम लोगों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ता है। वहीं सरकार द्वारा इनके लिए तैयार ऑपरेशन ग्रीन की शुरुआत जुलाई में की जाएगी। ऑपरेशन ग्रीन नाम के इस मसौदे को अंतिम रूप देने की कवायद तेज हो गई है। लोगों के लिए यह वस्तुएं थोड़ी कम दाम में भी उपलब्ध होगी।
आलू, प्याज और टमाटर को संरक्षित करने के मसौदे पर अमल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इसे लागू करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों में क्लस्टर मैपिंग की जाएगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव जे. पी. मीणा ने कहा कि "आलू उत्पादक राज्य उप्र, पश्चिम बंगाल और पंजाब के चुनिंदा क्षेत्रों में क्लस्टर बनाए जाने की योजना है। टमाटर के लिए दक्षिणी राज्यों के साथ महाराष्ट्र, मप्र व पंजाब में क्लस्टर बनाए जाने हैं। इसी तरह प्याज की सघन खेती वाले क्षेत्रों को चुना जाएगा। क्लस्टर चिन्हित करने के बाद वहां भंडारण, ग्रेडिंग व पैकेजिंग के साथ आधुनिक गोदाम, कोल्ड चेन, प्रोसेसिंग उद्योग लगाने और खपत वाले क्षेत्रों तक उपज को पहुंचाने का बंदोबस्त किया जाएगा। इसके लिए आम बजट में कुल 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस धनराशि का प्रयोग इन्हीं मदों में किया जाएगा। इससे प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक मसौदे पर सघन विचार-विमर्श कर लिया गया है। इसकी घोषणा जुलाई में की जा सकती है।"
सरकार द्वारा किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को घाटे से उबारने के मकसद से उठाए जाने वाला ये कदम एक साराहनीय साबीत हो सकता है। ऑपरेशन ग्रीन को चिन्हित समूहों यानी क्लस्टर में ही चलाया जाएगा। आगे इन फसलों के मदद से कृषि क्षेत्र की विकास दर काफी तेजी से बढ़ने की संभावना है। वहीं किसानों और उपभोक्ताओं को जोड़ने की पूरी श्रृंखला को मजबूत बनाया जाएगा जिसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की भूमिका अहम होगी।
Share your comments