कई बार हम यह सोचकर चतुराई दिखाते हैं कि आने वाले दिनों में हमें इसके फायदे मिलेंगे, लेकिन अफसोस जब ऐसा होता नहीं है, तो कितनी तकलीफ होती है, यह तो फिलहाल महाराष्ट्र के किसान ही बता सकते हैं. वो इसलिए, क्योंकि महाराष्ट्र के किसानों ने आज से कुछ दिनों पहले ही कुछ ऐसी ही चतुराई दिखाई थी, लेकिन इसे अफसोस नहीं तो और क्या कहें कि इनकी चतुराई काम नहीं आई उल्टा यह खुद के बुने हुए जाल में ही फंस गए.
अब किसान भाई इस बात से परेशान हो रहे हैं कि अब इस जाल से बाहर कैसे निकल जाए, लेकिन अफसोस इन्हें इस जाल से बाहर निकलने का कोई विकल्प नहीं सूझ रहा है. वहीं, सरकार के रूख की बात करें तो वो भी किसान की व्यथा पर तटस्थ ही नजर आ रही है. अब ऐसे में हमारे किसान भाइयों का अगला कदम क्या होता है. यह तो भविष्य के गर्भ में छुपा है, लेकिन इससे पहले आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि आखिर किसानों ऐसी क्या चूक हो गई कि वे खुद के बने हुए जाल में फंस गए.
सोचा था बढ़ जाएंगे प्याज के दाम, लेकिन...
दरअसल, महाराष्ट्र के किसानों ने यह सोचकर प्याज को स्टॉक कर लिया था कि जब इनके दाम बढ़ जाएंगे, तब इन्हें बाजार में उतारकर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जाएगा, लेकिन अफसोस ऐसा हुआ नहीं.
हमारे किसान भाइओं का तीर निशाने पर लगा नहीं. वो इसलिए, क्योंकि प्याज की कीमतों में भारी इजाफा आ गया है, जिससे किसान भाइयों की किए कराए पर पानी फिर गया है. जहां वे सोच रहे थे कि उन्हें भारी मुनाफा होगा. वहां भारी हानि के शिकार हो गए हैं. अब ऐसे में किसान भाई करे तो करे क्या. उन्हें कुछ नहीं सूझ रहा है.
सरकार पर भी नहीं रहा भरोसा
अपनी चतुराई दिखाने चक्कर में अपना नुकसान करवा चुके किसान भाइयों की अब अगर किसी से उम्मीदें हैं तो वो सरकार है, लेकिन अब तो सरकार पर लगी उम्मीदें भी ध्वस्त होती नजर आ रही है. महाराष्ट्र के किसानों का कहना है कि जब कीमतों में तेजी आती है, तो सरकार किसानों को इसकी भरपाई करती है. वहीं, जब इनकी कीमतों में कमी आई है, तो इसे ध्यान में रखते हुए भी सरकार किसानों के हित में कुछ कदम उठाती है. यह देखने वाली बात होगी.
पढ़िए किसानों की व्यथा
वहीं, महाराष्ट्र कांदा उत्पादक के संगठन के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोले ने कहा कि जो प्याज पहले 2200 से 2400 रूपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे. अब वही प्याज 2400 से 2600 रूपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए. इसके अलावा इसमें इस्तेमाल होने वाले खाद, उर्वरक, कीटनाशक समेत अन्य पदार्थ महंगे हो चुके हैं.
क्यों कम हो गए प्याज के दाम
इसके साथ ही प्याज के बाजार पर करीब से निगरानी रखने वाले दिघोले ने कहा कि बीते कुछ दिनों से प्याज के निर्यात में कमी आई है, जिसकी वजह से किसान भाइयों को भारी नुकसान हुआ है. हमारा प्याज मुख्यत: बांग्लादेश, श्रीलंका और सिंगापुर में निर्यात किया जाता है, लेकिन पाकिस्तान बीते कुछ दिनों से इन देशों को सस्ती कीमतों पर प्याज निर्यात कर रहा है. जिसका सीधा नुकसान हमारे किसान भाइयों को हो रहा है.
चूंकि आमतौर पर जब प्याज का अन्य देशों में निर्यात रहता है, तो इनकी कीमतों में तेजी रहती है, जिसका सीधा फायदा हमारे किसान भाइयों को मिलता है. अब ऐसे में सरकार किसानों के हित में क्या कुछ कदम उठाती है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा. तब तक के लिए आप कृषि जगत से जुड़ी हर बड़ी खबर से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए...कृषि जागरण.कॉम
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