पिछली जनगणना की तुलना में छोटी भूमि अधिग्रहण की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि बड़ी भूमि अधिग्रहण की संख्या में कमी आई है. दसवीं कृषि जनगणना के अनुसार 2011 की तुलना में 2016 में देश में ऐसे किसानों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है जो बहुत ही कम जमीन पर खेती करते हैं. साथ ही इस जनगणना के मुताबिक महिला भूमिधारकों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज़ की गई है.
वर्ष 2015-16 में महिला भूमिधारकों की संख्या साल 2010-11 के 12.7 फीसदी से बढ़कर 13.87 प्रतिशत हो गई है. इन आंकड़ों से कृषि में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी का संकेत मिला है. कृषि मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक कृषि भूमि के प्रबंधन और संचालन में अधिक से अधिक महिलाएं भाग ले रही हैं.
जनगणना के अनुसार लघु और सीमांत होल्डिंग्स (दो हेक्टेयर के नीचे) वाली कुल भूमि होल्डिंग्स में 2010-11 की तुलना में 1.2 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है. हालांकि, उत्पादन योग्य कृषि भूमि (परिचालन भूमि) में 1.5% की कमी आई है. परिचालन भूमि का सबसे ज्यादा औसत नागालैंड (5 हेक्टेयर) और केरल (0.18 हेक्टेयर) में सबसे कम है.
कृषि उत्पादन के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि इकाइयों की कुल संख्या 2010-11 की तुलना में 2015-16 में 5% की वृद्धि दर्शाती है. देश में परिचालन होल्डिंग की कुल संख्या 2010-11 में 138 मिलियन से बढ़कर 2015-16 में 146 मिलियन हो गई है. उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी संख्या में भूमि धारक हैं जो कुल संख्या का 16% है.
रोहिताश, कृषि जागरण
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