बिहार के जर्दालु आम, कतरनी धान व मगही पान अब और विशेष पहचान बना चुके हैं दरअसल इसे कई साल पहले जीआई टैग के लिए आवेदन किया गया था जिसे ज्योग्राफिकल इंडीकेशन जर्नल ने अब मंजूरी देते हुए इसे जीआई टैग दे दिया है। अब यह तीनों ही उत्पाद अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जाने जाएंगें। जर्दालु आम शुगर मात्रा व 104-106 दिनों में तैयार होने वाली किस्म है, जबकि कतरनी धान खुश्बूदार व 160 दिन में तैयार होने वाली किस्म हैं। बिहार का मगही पान अपने बेहतरीन स्वाद के लिए देश भर में मशहूर गहरा हरा रंग का पान है।
राज्य के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि बिहार कृषि विश्वविद्दालय इन तीनों के लिए करीब नौ साल पहले से प्रयास कर रहा है जिस कार्य में अब सफलता मिली है। वर्ष 2016 में जर्दालु आम उत्पादक संघ सुल्तानगंज की तरफ से आवेदन किया गया था जिस पर अब केंद्र ने मंजूरी दे दी है। तो वहीं कतरनी धान उत्पादक संघ भागलपुर की तरफ से 20 जून 2016 को आवेदन किया गया था। यह तीनों ही अपनी कुछ विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध हैं जिन्हें अब एक अलग पहचान मिल गई है।
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