छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार की तरफ से अच्छी ख़बर आई है. केंद्र सरकार के आदेशानुसार पूरे प्रदेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक कर दिया है मतलब अब किसान अपनी फसल का बीमा स्वयं की मर्जी से करा सकेंगे. सरकार के इस फैसले से अब किसान क्रेडिट वाले किसानों से खुद ही फसल बीमा का प्रीमियम नहीं कटा जाएगा. किसानों को इस प्रकार दिया जानें वाला लाभ बस्तर जिले के किसानों को बड़े पैमाने पर मिलने की बात कही जा रही है
गौरतलब हो कि केंद्र सरकार ने 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुवात की थी. केंद्र सरकार द्वारा इस योजना शुरू करने का एक मात्र उद्देश्य प्राकृतिक आपदा से किसानों के फसल क्षति के भरपाई करने का है. बता दें, जब एक बार किसान फसल बीमा करता है तो उसको बैंक द्वारा निर्धारित प्रीमियम समय पर जमा करना होता है. यदि फसल वर्ष के दौरान किसान की फसल क्षति किसी प्रकृतिक आपदा के द्वारा होती है तो बीमा कंपनी किसान को उस फसल क्षति का भुगतान करती है. हालांकि जानकारों को मानना है कि इस योजना से किसान परेशान रहें है और इसके विपरीत सरकार की इस योजना से बीमा कंपनियां तो मालामाल हो गई.
योजना का लाभ उठाने वाले किसानों को खरीफ फसल के लिए बीमा राशि का 2 प्रतिशत और रबी की फसल के 1.5 प्रतिशत प्रीमियम बीमा कंपनी को करना पड़ता है. बता दें, पहले जब किसान क्रेडिट कार्ड बनवा के लाते थे तो बीमा अपने आप ही हो जाता था.किसान जितना लोन किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लेता था बीमा कंपनी उसी के हिसाब से प्रीमियम लगाकार किसान का बीमा कर देते थे और किसान को इस पता भी नहीं चलता था. सरकार की इस योजना के पीछे उद्देश्य है कि दैवीय आपदा (तेज बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि, सूखा आदि) से फसल का नुकसान होता है तो बीमा कंपनी, खराब हुई फसल के एवज में मुआवजा देगी. उपसंचालक कृषि विकास मिश्रा ने कहा कि इस योजना को अब किसानों की मर्जी से संचालित की जाएगी. इसकी जानकारी उन्हें दी जा रही है .
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