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चावल के निर्यात पर नहीं लगेगा बैन, यहां जानें वजह

हमारे देश में ज्यादातर लोग गैर बासमती और बासमती चावल को खाना पसंद करते है. लेकिन देश में कुछ लोगों को डर है कि कही सरकार गेहूं और चीनी की तरह चावल के निर्यात पर भी बैन ना लगा दें. तो आइए इस लेख में जानते है चावल के बैन से जुड़ी पूरी खबर...

लोकेश निरवाल
चावल के निर्यात पर नहीं लगेगा बैन
चावल के निर्यात पर नहीं लगेगा बैन

आप भी अगर चावल खाने के शौकीन है, तो यह खबर आपके लिए ही है. दरअसल, सरकार ने गेहूं निर्यात पर बैन लगा दिया है और चीनी निर्यात की समय सीमा भी तय कर दी है. ऐसे में लोगों का मानना है कि भारत सरकार चावल के निर्यात पर भी बैन लगा सकती है. 

लेकिन आपको बता दें कि इन दिनों भारत सरकार के पास चावल का संपूर्ण भंडार मौजूद है, इसलिए सरकार गैर बासमती और बासमती चावल के निर्यात पर बैन नहीं लगाने का विचार कर रही है.

आपको बता दें कि, भारत ने पिछले वर्ष 2021-22 में 150 देशों के साथ 4.8 बिलियन डॉलर का गैर बासमती चावल का निर्यात किया था. इसी के साथ भारत चावल उत्पादन के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है. अभी भी चावल उत्पादन में पहले स्थान पर चीन बना हुआ है.

बीते दिनों से चावल पर बैन की चर्चा

गेहूं निर्यात पर बैन लगाने के बाद और चीनी के निर्यात की समय सीमा तय होने पर किसानों के चेहरों पर चिंता को साफ देखा जा सकता था. किसानों का मानना था कि अब भारत सरकार किसी भी समय बासमती और गैर बासमती चावल पर भी बैन लगा सकती है. लेकिन अब जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक, सरकार के पास वर्तमान समय में चावल का पर्याप्त भंडार मौजूद है और साथ ही प्राइवेट कंपनियों के पास भी चावल का संपूर्ण भंडार है. जिससे आने वाले समय में चावल की कमी का सामना देश को नहीं करना होगा. इसलिए भारत सरकार फिलहाल के लिए चावल के निर्यात पर बैन लगाने का इरादा बदल सकती है.

जांच का आदेश

गेहूं निर्यात को लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने क्षेत्रीय अथॉरिटीज से कहा कि गेहूं निर्यात के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनाने से पहले आवेदन में दिए सभी कागज पत्रों की अच्छी तरह से जांच होगी. इसके लिए लेटर ऑफ क्रेडिट भी जारी कर दिया गया है. सरकार ने उन सभी कंपनियों को गेहूं निर्यात पर विशेष छूट दी है. जिनके पास लेटर्स ऑफ क्रेडिट का फिजिकल वेरिफिकेशन है.

डीजीएफटी ने आदेश दिया कि क्षेत्रीय अथॉरिटी सभी लेटर्स ऑफ क्रेडिट का फिजिकल वेरिफिकेशन करें. अगर उन्हें इस काम में किसी प्रोफेशनल एजेंसी की जरूरत लगती है तो वह एजेंसी की सहायता भी ले सकते हैं. जिसकी सहायता से कंपनियां और व्यापारी भी गेहूं निर्यात कर सकती है. सरकार ने उन सभी कंपनियों को गेहूं निर्यात पर विशेष छूट दी है, जिनके पास लेटर्स ऑफ क्रेडिट का फिजिकल वेरिफिकेशन है.

देशों में गेहूं की मांग को पूरा करेगा भारत

सरकार के पास इतना अधिक गेहूं का भंडारण मौजूद होने के कारण भारत अन्य कमजोर देशों के लिए मदद को तैयार है. भारत अन्य देशों में गेहूं की मांग को पूरा करने को लेकर योजनाओं पर विचार कर रही है. सरकारी अधिकारी के मुताबिक, वर्तमान समय में लगभग आधा दर्जन देशों ने भारत से करीब 15 लाख टन गेहूं खरीद को लेकर संपर्क किया है.

English Summary: no ban on export of rice Published on: 04 June 2022, 05:51 PM IST

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