कीटनाशकों के इस्तेमाल से फसल को कीटों और रोगों से बचाव किया जा सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका अधिक इस्तेमाल हमारी सेहत पर कितना प्रभावित करता है? इस दौरान एक तरफ जहाँ किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए सरकार नयी-नयी पहल करती है तो वहीँ दूसरी तरफ खेतों में इस्तेमाल हो रहे अधिक मात्रा में कीटनाशकों का इस्तेमाल बढती बीमारियाँ का कारण बन रहा है. जो कि केंद्र और राज्य मंत्रियों के लिए चिंता का विषय बना गया है.
इसी कड़ी में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब काफी जोर दे रही है. आइये जानते हैं सरकार का इस विषय पर क्या कहना है.
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की पहल (Central Government's Initiative To Promote Organic Farming)
बात दें मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि खेती में कीटनाशकों (Pesticides) के बेतहाशा इस्तेमाल से बढ़ रहे कैंसर के मरीज अब सरकार की चिंता का कारण बन गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी के चलते 16 दिसंबर को गुजरात से देशभर के किसानों से संवाद करेंगे तथा उन्हें जैविक खेती (Organic Farming) के लिए प्रोत्साहित करेंगे. पटेल ने कहा कि भावी पीढ़ी को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है. वर्तमान में जिस तरीके से खेती में पेस्टिसाइड का इस्तेमाल हो रहा है उससे खेती की जमीन जहरीली होती जा रही है. इस उपज का इस्तेमाल करने से देश में कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं. दूसरी भी कई बीमारियां बढ़ रही हैं.
कमल पटेल ने पंजाब में कैंसर एक्सप्रेस का उदाहरण देते हुए कहा कि खेती में इसी तरह पेस्टिसाइड का इस्तेमाल होता रहा तो भविष्य में कैंसर के मरीजों की संख्या इतनी बढ़ जाएगी कि उन्हें अस्पताल में जगह नहीं मिल पाएगी. इसलिए जैविक खेती, गोवंश आधारित खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है. ताकि भावी पीढ़ी को अनाज और फल सब्जियां शुद्ध और प्राकृतिक मिल सकें.
इसके अलावा कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं. इसके साथ ही प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को भी बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए माहौल बनाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है जिसे वह हर संभव पूरा करेंगे.
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कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि मध्य प्रदेश के जिन जिलों में जनजातियों खेती करती हैं उनमें अभी पेस्टिसाइड का इस्तेमाल नहीं होता है. उनके उत्पाद पूरी तरह जैविक हैं. जिसके प्रमाणीकरण की प्रक्रिया की जा रही है. इसके लिए मध्य प्रदेश में एपिडा का कार्यालय खोला गया है. जैविक प्रमाणीकरण (Organic Certification) होने के बाद वनवासी जिलों की उपज को बेहतर भाव मिल सकेगा. उसे निर्यात किया जा सकेगा और जिससे किसानों को अपनी उपज का अधिक दाम मिल सकेगा.
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