लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए एनडीडीबी करोड़ों डेयरी किसानों को वेबिनार के जरिए टिप्स देने का काम कर रहा है. बोर्ड के विशेषज्ञों ने बताया कि किसान अपने घरों में उपलब्ध कच्चे माल से ही सस्ता, पोषक और बेहतर पशु आहार तैयार कर सकते हैं. देश भर में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन से प्रभावित दूध उत्पादक किसानों को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) अनूठे तरीके से मदद पहुंचा रहा है. एनडीडीबी इन दिनों डिजिटल माध्यम से ज्यादा से ज्यादा किसानों तक अपनी पहुंच बना रहा है. वहीं इस दौरान वो किसानों से बात करने के साथ-साथ उन्हें जानकारी मुहैया करा रहा है और इसके साथ ही उनके समस्याओं का समाधान भी दे रहा है. इससे लगभग देश के 1.66 करोड़ से ज्यादा दूध उत्पादक किसानों तक लाभ पहुंच रहा है.
डिजिटल वेबिनार का हो रहा आयोजन
एनडीडीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बीते गुरुवार को एनडीडीबी के द्वारा संवाद के नाम से एक डिजिटल वेबिनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में कई राज्यों के किसानों तथा दूध कारोबार से जुड़े हितधारकों ने हिस्सा लिया जिसमें पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश तथा असम के किसान शामिल थे.
पशुओं की देखभाल जरूरी
कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए एनडीडीबी के अध्यक्ष दिलीप रथ ने डेयरी सप्लाई चेन की स्थिरता को सुनिश्चित करने तथा देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए दूध उत्पादकों तथा उत्पादक स्वामित्व वाली संस्थाओं के प्रशंसनीय प्रयासों की सराहना करने के साथ ही उन्होंने दुधारू पशुओं की उचित देखभाल करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस वक्त में उनके आहार तथा स्वास्थ्य की देखभाल करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस पर ही उनकी प्रजनन क्षमता तथा उत्पादकता निर्भर करता है.
घर पर ही तैयार करें पशु आहार
किसानों ने वेबिनार कार्यक्रम के दौरान पशु आहार की उपलब्धता की कमी का जिक्र किया. इस बात को सक्रियता से बताते हुए बोर्ड के विशेषज्ञों ने कहा किसान अपने घर पर ही पशु आहार तैयार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसान कच्चे माल का प्रयोग करके ही स्सता, पोषक, और बेहतर पशु आहार तैयार कर सकते हैं. बोर्ड के विषेशज्ञों ने पशु स्वास्थ्य, पशु पोषन, पशु प्रजनन जैसे मुख्य बिंदुओं पर भी विचार विमर्श किया.
गाय-भैसों के मुख्य बीमारीयों के उपचार के बारे में भी बताया
वेबिनार में दुधारू पशुओं में होने वाले मुख्य बीमारीयों जैसे खुरपका तथा मुंहपका रोग, थनैला, हीट स्ट्रैस जैसे रोगों के घरेलू तथा आर्युवेदिक आधारित एथनो वेटनरी मेडिसिन (ईवीएम) का तरीका बताया गया. पशुओं का टीकाकरण, कान में टैग लगे का महत्व, आहार प्रबंधन तथा संतुलित अहार, कृत्रिम गर्भाधान तथा प्रजनन प्रबंधन का महत्व जैसे बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई.
वेबिनार से पहले किसानों के प्रश्न मां लिये गए थे
बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार किसानों को इस वेबिनार के बारे में एक सप्ताह पहले ही एसएमएस के जरिए जानकारी दे दी गयी थी और उनसे पहले ही प्रश्न मंगा लिए गए थे. किसानों से कहे जाने पर उन्होंने लगभग 500 प्रश्नों की सूची दी थी. हालांकि सभी प्रश्न लगभग एक समान थे इसलिए उत्तर समय पर ही दे दिया गया. वहीं कुछ प्रश्न समय के आभव में रह गये हैं उन्हें अगले वेबिनार में शामिल करके दिया जाएगा.
आगे भी आयोजित कीया जाएगा वेबिनार
एनडीडीबी के विभिन्न एफिलिएट्स के जरिये अभी देश के 28 राज्यों में 322 जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक समितियों के साथ करीब 1.66 करोड़ किसान जुड़े हुए हैं. लॉकडाउन के दौरान इन सभी तक संपर्क बनाने के लिए वेबिनार का आयोजन किया गया है. वहीं इस वेबिनार के सफल होने के बाद बोर्ड ने तय किया है कि अब हर महीने कम से कम दो वेबिनार का आयोजन किया जाए. बता दें कि अगले वेबिनार के आयोजना की तिथि जल्द घोषित की जाएगी.
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