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प्रकृति के पास सब कुछ, यह एक महान शिक्षक: राज्यपाल

आज कृषि जागरण की केजे चौपाल में पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने शिरकत की और साथ ही इन्होंने कई महत्वपूर्ण विचारों पर भी प्रकाश डाला.

लोकेश निरवाल
KJ Choupal में पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने की शिरकत
KJ Choupal में पश्चिम बंगाल के गवर्नर ने की शिरकत

देश के किसान भाइयों तक खेती-बाड़ी से संबंधित जानकारी पहुंचाने के लिए कृषि जागरण हमेशा उनके साथ खड़ा रहता है. बता दें कि किसानों तक सही सूचना के लिए कृषि जागरण के द्वारा समय-समय पर केजे चौपाल का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें कई बड़े व्यक्तित्व शामिल होते हैं. इसी कड़ी में आज कृषि जागरण की केजे चौपाल में पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस (C. V. Ananda Bose) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में भी अपना योगदान दिया है. दरअसल, सीवी आनंद बोस ने विश्वविद्यालय के कुलपति, अतिरिक्त मुख्य सचिव और जिला कलेक्टर के रूप में भी लोगों की सेवा की है. इतना ही नहीं यह संयुक्त राष्ट्र के साथ सलाहकार स्थिति में हैबिटेट एलायंस के अध्यक्ष भी हैं.

कृषि जागरण टीम के साथ पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस
कृषि जागरण टीम के साथ पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस

कृषि जागरण में गवर्नर का हुआ भव्य स्वागत

गवर्नर सीवी आनंद बोस का केजे चौपाल में शाइनी डोमिनिक, निदेशक, कृषि जागरण के द्वारा उपहार दिया गया. साथ ही उनके सम्मान के तौर पर कृषि जागरण के एडिटर-इन-चीफ एम.सी. डोमिनिक ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस का स्वागत किया और साथ ही उन्होंने कहा कि इन्होंने कृषि की दुनिया में काम किया है, वह एक क्रिस्टल पर्सन हैं. इन्हें हर चीज का ज्ञान है.

खेती और मिट्टी का रिश्ता दैवीय: राज्यपाल

निश्चित तौर पर यह मेरे लिए सीखने वाला अनुभव है. जब मैंने युवाओं को मतभेदों के बावजूद साथ काम करते देखा, तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस चौपाल में मुझ पर बोले गए अच्छे शब्दों के लिए आप सभी का धन्यवाद. काश मेरी पत्नी यहां होती. 

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस (C. V. Ananda Bose)
पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस (C. V. Ananda Bose)

उन्होंने यह भी कहा कि हम सब किसान परिवार से आते हैं, खेती और मिट्टी का रिश्ता दैवीय होता है. भगवान शिव, ब्रम्हा, विष्णु ने भी मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखा है. यहां तक कि मैं भी केरल से आता हूं देवताओं के अपने देश, परशुराम ने इसे अपनी फरसा से बनाया. बता दें कि उन्होंने एक पुस्तक कृषि गीता लिखी, बीज कैसे बोएं, इसकी खेती कैसे करें. देखा जाए तो समृद्धि के नाम पर पुरुषों ने भविष्यवाणी करने की क्षमता खो दी है. वहीं अब, टिकाऊ कृषि की अवधारणा आ गई है. हरित क्रांति जैविक खेती, प्राकृतिक खेती, कृत्रिम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी खेती पर आधारित है. यह पीएम मोदी का भी विजन है.

ये भी  पढ़ें: KJ Chaupal में भारत और ब्राजील के बीच सहयोग और सांस्कृतिक बंधन पर हुई चर्चा

महामारी के दौरान किसानों ने इस देश को चलाया. क्योंकि खेती ईश्वरीय उत्पत्ति है. कृषि आपको वह सब कुछ प्रदान कर सकती है जो आप चाहते हैं. प्रकृति के पास सब कुछ है. प्रकृति एक महान शिक्षक है. खेत के योद्धा को प्रकृति कभी धोखा नहीं देती. हमें शिक्षा सुधार, संस्कृति सुधार, सामाजिक सुधार की जरूरत है.

English Summary: Nature has everything, it is a great teacher: Governor Published on: 22 May 2023, 03:19 PM IST

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