आज कल लोग खेतों में ऐसे उर्वरक प्रयोग करते है जो बहुत महंगे और रासायनिक युक्त होते है जिनसे पौधों में जान तो आ जाती है परन्तु वह कुछ समय के बाद रसायन उन पौधों पर हावी होकर उनकी उम्र ख़त्म कर देते हैं जिस से वह पौधे नष्ट हो जाते है | इन्ही रासायनिक उर्वरको की वजह से पौधों की ज़िंदगी कम हो रही है इतने महंगे उर्वरक खरीदने के बाद भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है | ऐसी समस्या से निकलने के लिए किसान इस ख़ास उर्वरक का इस्तेमाल कर सकते है | जो किसानों के चेहरे पर ख़ुशी के साथ-साथ मुनाफा भी देगा | जो प्रकृति से भरपूर और इसको तैयार करने में किसानों का कोई खर्च नहीं होगा | फल के छिलके से बना यह उर्वरक आपकी फसल को नई ज़िंदगी प्रदान करेगा | इस से फसल भी अच्छी रहती है और ज्यादा फायदा देती है |
केले से बना उर्वरक :
फल एक प्राकृतिक चीज़ है जो हमे पौधों से मिली है | जिसका हमे कोई नुकसान नहीं जो हमारे शरीर को इतनी ऊर्जा प्रदान करती है | ऐसे ही फल का छिलका भी उतना ही गुणकारी है | इसके अंदर भी गुणों का खज़ाना है | केले के छिलके के अंदर काफी मात्रा में मैग्नीशियम,फॉस्फोरस,कैल्शियम पाया जाता है जो मानव शरीर और पौधों के लिए भी आवश्यक है | जो की उन्हें ऊर्जा और पोषण दोनो देते है | जिस से पौधे ज्यादा फलते -फूलते है |
छिलके से कैसे बनाये उर्वरक :
हमे सबसे पहले केले के छिलकों को इकठ्ठा करना है फिर उन्हें कैंची से काट कर किसी डब्बे में भर कर रख ले कुछ देर बाद उसमे छिलकों के हिसाब से पानी मिला कर रख ले उसके बाद डब्बे को ऊपर से बंद कर ले | फिर उससे 4 दिन के लिए बंद कर के रख दे | जब आप चौथे दिन के बाद डिब्बा खोलेंगे तो आप देखेंगे की वो मिश्रण पूरी तरह काला हो चुका है | अब यह मिश्रण आपके पौधों के लिए पूरी तरह तैयार है |
उर्वरक को कब और कैसे पौधों में डालना है :
इस उर्वरक को पौधों में ज्यादा मात्रा में मत डाले पौधों के हिसाब से डाले और हर हफ्ते इसका प्रयोग करे | जिस से आपके पौधों को अच्छे से पोषण मिलता रहे और पौधे ज्यादा मात्रा में अच्छा फल दे |
तो देखा आप ने प्रकृति की देन ने हमे जो दिया हमारे पोषण के लिए आज वो देन ही उनके पोषण का एक मात्र सहारा बन गयी है क्योंकि आज कल के रासायनिक उर्वरक हमारे पौधों को नुकसान और कम उम्र दे रहे है | जितना हो सके प्राकृतिक चीज़ों का इस्तेमाल करें |
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