पटना: नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक) के बिहार क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से आयोजित 10 दिवसीय 'राष्ट्रीय स्तरीय मेला सह प्रदर्शनी' मंगलवार को शुरू हु. इस मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया जा रहा है. आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक संजीव दयाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
इस दौरान संजीव दयाल ने नाबार्ड की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भारत गांवों का देश है और यह देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह सही समय है जब ग्रामीण उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए. इस दौरान नाबार्ड-बिहार के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार ने नाबार्ड की ओर से ग्रामीणों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि "कृषि उत्पाद संगठन, गैर-कृषि क्षेत्र, ग्रामीण हाट, हाट और कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं हैं और इस मेले का उद्देश्य प्रतिभागियों के बीच बाजार की मांग और व्यवसाय से संबंधित विभिन्न विकासों के बारे में जागरुकता पैदा करना है.
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कई राज्यों के हस्तशिल्प कलाकारों ने लगाई स्टॉल
इस मेले में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें राज्य के कोने-कोने के साथ-साथ अन्य राज्यों जैसे जम्मू, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, के स्वयं सहायता समूहों, कारीगरों और हस्तशिल्प कलाकारों को शामिल किया गया है. राजस्थान असम, त्रिपुरा, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया है. देश के विभिन्न हिस्सों से उत्पादों की एक श्रृंखला जैसे पश्मीना शॉल, लाख और जूट उत्पाद, कृत्रिम आभूषण, पत्थर शिल्प के उत्पाद, कारीगरों द्वारा टेराकोटा, बांस, लकड़ी के खिलौने लगाए गए हैं.
बिहार की मधुबनी पेंटिंग, खादी के कपड़े, जूते, रेशमी साड़ियां, सत्तू, अचार, पापड़, मिठाई और कई अन्य सजावटी सामान जैसे उत्पाद खरीदारों को आकर्षित कर रहे हैं. 'राष्ट्रीय स्तरीय मेला सह प्रदर्शनी उद्घाटन दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कलाकारों ने वित्तीय जागरुकता पर लोक नृत्य और नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया.
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